शोभना भरतिया के स्वामित्व वाले अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के रिलायंस के मुकेश
अंबानी द्वारा खरीदे जाने का मुद्दा बुधवार को राज्यसभा में भी गूंजा। हालांकि अभी
तक हिन्दुस्तान टाइम्स के बिकने की खबर पर ना ही हिन्दुस्तान टाइम्स प्रबंधन अपना
पक्ष रख रहा है और ना ही रिलायंस की ओर से आधिकारिक बयान अब तक इस डील पर आया है।
बुधवार को राज्यसभा में जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि हिन्दुस्तान टाइम्स बिक
गया और ये उद्योगपति पत्रकारिता को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। इस देश का
क्या होगा? अब हिंदुस्तान टाइम्स भी बिक गया? कैसे चलेगा यह देश? यह चुनाव सुधार, यह बहस, ये सारी चीजें
कहां आएंगी? कोई यहां पर बोलने के लिए तैयार नहीं है। निश्चित तौर पर मैं आपसे कहना चाहता
हूं कि जो मीडिया है, लोकशाही में, लोकतंत्र में, यह आपके हाथ में है, इस
पार्लियामेंट के हाथ में है। कोई रास्ता निकलेगा या नहीं निकलेगा? ये जो पत्रकार
है, ये चौथा खंभा
है, उसके मालिक
नहीं हैं और हिंदुस्तान में जब से बाजार आया है, तब से तो लोगों की पूंजी इतने बड़े पैमाने पर
बढ़ी है।
मैं आज बोल रहा हूं, तो यह मीडिया मेरे खिलाफ तंज कसेगा, वह बुरा
लिखेगा। लेकिन मेरे जैसा आदमी, जब चार-साढ़े चार साल जेल में बंद रहकर आजाद
भारत में आया, तो अगर अब मैं रुक जाऊंगा तो मैं समझता हूं कि मैं हिंदुस्तान की जनता के साथ
विश्वासघात करके जाऊंगा।
शरद यादव ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि हिन्दुस्तान टाइम्स बिकने वाला है, लेकिन राज्यसभा
के दूसरे सदस्यों ने शरद यादव का ध्यान इस ओर दिलाया कि हिन्दुस्तान टाइम्स बिक
गया है। और इसे मुकेश अंबानी ने खरीदा है। जिसके बाद शरद यादव ने भी राज्यसभा में
कहा कि हिन्दुस्तान टाइम्स बिक गया।
यादव ने कहा कि हमारे लोकतंत्र में बाजार आया, खूब आए लेकिन यह जो मीडिया है, इसको हमने
किनके हाथों में सौंप दिया है? यह किन-किन लोगों के पास चला गया है? एक पूंजीपति है
इस देश का, उसने 40 से 60 फीसदी मीडिया
खरीद लिया है। ये अखबार के पूंजीपति मालिक कई धंधे कर रहे हैं। इन्होंने बड़ी-बड़ी
जमीनें ले ली हैं और कई तरह के धंधे कर रहे हैं। वे यहां भी घुस आते हैं। इनको सब
लोग टिकट दे देते हैं। मैं आपसे कह रहा हूं इस तरह यह लोकतंत्र कभी नहीं बचेगा।
शरद यादव ने कहा कि इसके लिए एक कानून बनना चाहिए कि अगर कोई मीडिया हाउस चलाता है
या अखबार चलाता है, तो वह कोई दूसरा धंधा नहीं कर सकता है।
हिंदुस्तान में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। यह जो पत्रकार ऊपर बैठा हुआ है, वह कुछ नहीं
लिख सकता है क्योंकि उसके हाथ में कुछ नहीं है। यही जब सूबे में जाता है तो मीडिया
वहां की सरकार की मुठ्ठी में चला जाता है। जो पत्रकार सच लिखते हैं उसे निकालकर
बाहर कर दिया जाता है। फिर यह देश कैसे बनेगा, आप कैसे सुधार कर लोगे।
जदयू नेता ने कहा कि मैं सब से पूछना चाहता हूं कि सुधार कैसे होगा। इस देश
में मीडिया के बारे में बहस क्यों नहीं होती। इस देश में ऐसा कानून क्यों नहीं
बनता कि कोई भी व्यापार या किसी तरह की क्रास होल्डिंग नहीं कर सकता? तब हिंदुस्तान
बनेगा।
शरद यादव का पूरा बयान देखने के लिये इस विडियो लिंक पर क्लिक करें
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335
इन्हें भी पढ़े-
पत्रकारों
की वेतन वृद्धि के लिए लोकसभा में की गई वेजबोर्ड के गठन की मांग
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_41.html
'मीडिया' में 'मीडिया' के ब्लैक आउट का दौर
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_25.html
लोकसभा में फिर उठी
मजीठिया की मांग
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_59.html
शरद यादव का राज्यसभा में
मजीठिया और मीडिया पर दिया गया बयान अखबारों ने नहीं किया प्रकाशित
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_48.html
‘ईयर ऑफ विक्टिम्स’ और मजीठिया मामले में
इंसाफ की आस
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_23.html
पत्रकारिता छोड़कर सब धंधे
कर रहे मीडिया मालिक, लागू हो मजीठिया सिफारिशें
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_7.html
लोकसभा में गूंजा मजीठिया
वेजबोर्ड
http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/03/blog-post_22.html
पढ़े- हमें
क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17D: सभी
ग्रेड के साथी एरियर बनाते हुए इन बातों का रखें ध्यान http://goo.gl/Npp9Hp
#MajithiaWageBoardsSalary,
MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
No comments:
Post a Comment