आरटीआई से हुआ
खुलासा
अपने कर्मचारियों
के लिये भले ही अखबार मालिकों को मजिठिया वेज बोर्ड के अनुसार देने के लिये वेतन का
पैसा ना हो मगर सरकार से सस्ते दर पर जमीन
पाने में कहीं भी ये अखबार मालिक कम नहीं हैं। यही नहीं जस्टिस मजिठिया वेज बोर्ड
मामले में जिन पत्रकार संगठनों को खुलकर सामने आना चाहिये उनके पदाधिकारी भी चुप
हैं क्योंकि पत्रकार संगठनों को और प्रेस क्लब को भी सरकार की तरफ से सस्ते दर पर
जमीन दी गयी है। यह खुलासा किया है मुंबई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
शशिकांत सिंह ने। शशिकांत सिंह ने आर टी आई के जरिये पहले यह पता लगाने का प्रयास
किया कि महाराष्ट सरकार ने किस किस अखबार प्रबंधन कंपनियों को सरकारी दर पर जमीन
दी है तो पता चला कि सभी दस्तावेज मंत्रालय में कुछ साल पहले लगी आग में जल गया
है। इसलिये सूचना नहीं दी जा सकती है। उसके बाद शशिकांत सिंह ने जिलाधिकारी
और जिलादंडाधिकारी, मुंबई शहर जिला से आरटी आई डालकर यह जानकारी
मांगी कि किन किन अखबारों को सरकारी जमीन सस्ते दर पर दी गयी है। इसमें पहले चरण
में चार नाम सामने आये हैं जिसमें पहला नाम है इंडियन एक्सप्रेसे न्यूज पेपर्स
बांबे लिमिटेड मुंबई और दुसरा नाम सामने आया है फ्री प्रेस जनरल
इस्टेट प्राईवेट लिमिटेड मुंबई, इनके
अलावा मुंबई मराठी पत्रकार संघ और प्रेस क्लब मुंबई को भी सरकारी जमीन दी गयी है।
यह जानकारी जिलाधिकारी और जिलादंडाधिकारी, मुंबई शहर जिला के जनमाहिती अधिकारी ने देते
हुये लिखा है कि उनके पास जिस समय जमीन आवंटित की गयी उस समय की इन चार संस्थाओं
की कर्मचारियों की सूचि नहीं है।
यानि सरकारी
रिकार्ड बता रहा है कि इंडियन एक्सप्रेस और फ्री प्रेस ने सस्ते दर पर सरकार से
जमीन ली है। शशिकांत सिंह ने स्पष्ट कहा है कि करोड़ो रुपये की ये जमीन निश्चित ही
सरकार से कुछ हजार या लाख रुपये में ली गयी होगी । और वे इन जमीनों का आवंटन रद्द कराने के लिये एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे।
इसके लिये भले उन्हे सुप्रीमकोर्ट तक एक बार फिर जाना रहेगा वे जायेंगे। मगर
पत्रकारों के लिये मजिठिया वेज बोर्ड की
सिफारिश लागू ना करने वाले इन अखबार मालिकों और मुंबई मराठी पत्रकार संघ तथा प्रेस
क्लब को सच्चाई सामने लायेंगे। साथ ही वे मुंबई के कई और अखबार मालिकों द्वारा
हथियाये गये सरकारी दर पर सस्ती जमीन का पुरा कच्चा चिटठा एक एक कर लोगो के सामने
लायेंगे।
आपको बता
दें कि इंडियन
एक्सप्रेस ने पिछले दिनों रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार वितरित किया था
जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि थे।
[शशिकांत सिंह]
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335
लोकमत
प्रबंधन को मात देने वाले महेश साकुरे के पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों
को करें डाउनलोड http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/07/blog-post.html
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