23 अखबार कंपनियों को दिया गया था आदेश
मीडिया कर्मियों
के वेतन, एरियर्स
और प्रमोशन्स से जुड़े जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मुम्बई के कामगार
उपायुक्त कार्यालय द्वारा 13
अक्टूबर 2016
को एक पत्र लिखकर एक एफिडेविट देने का निर्देश मुम्बई के 23 अखबार कंपनियों को दिया गया था।
ये एफिडेविट 300 रुपये के स्टाम्प पेपर पर देना था जिसमे साफ़
तौर पर लिखना था कि आपने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया
है।इस एफिडेविट को जमा करने की अंतिम तिथि थी 19 अक्टूबर 2016 मगर आज भी मुम्बई में डी बी कॉर्प सहित 7 अखबार मालिकों ने एफिडेविट नहीं जमा किया।
ये खुलासा हुआ है
आर टी आई के जरिये। मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आर टी आई
एक्सपर्ट तथा एनयूजे महाराष्ट्र के मजीठिया सेल के समन्यवक शशिकान्त सिंह ने ये
खुलासा किया है। कामगार
उपायुक्त कार्यालय मुम्बई शहर ने आर टी आई का जवाब दिया है कि 13 अक्टूबर 2026 को इस कार्यालय द्वारा जिन 23 अखबार कंपनियों को पत्र लिखकर उनसे 300 रुपये के स्टाम्प पेपर पर मजीठिया वेज बोर्ड
से सम्बंधित और माननीय सुप्रीमकोर्ट के 7-2-2014,28-4
2015,14-3-2016,25-8-2016
और 4
अक्टूबर 2016
के आदेश को संज्ञान में लेते हुए मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिस लागू करने के बारे
में एफिडेविट देने के लिए निर्देश दिया गया था उसमें डी बी कॉर्प लिमिटेड,
श्री अम्बिका
प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेसन्स, दि लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड (इंडिया टुडे
गृप ), दि
प्रेस ट्रस्ट इंडिया, हिंदुस्तान
टाइम्स लिमिटेड, दी
हिन्दू, मेसर्स
सहाफत डेली, इंडियन
नेशनल प्रेस (बॉम्बे प्रेस प्राइवेट लिमिटेड), कुरियर पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड (डेली
आफ्टरनून), बेनेट
कोलमैन एन्ड कंपनी, इंडियन
एक्सप्रेस लिमिटिड, नवाकाल
न्यूज पेपर, डिलिजेंट
मीडिया कार्पोरेशन, तरुण
भारत,आपला
महानगर, बॉम्बे
समाचार प्राइवेट लिमिटेड, मिड
डे इन्फोमीडिया लिमिटिड, राणे
प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, प्रबोधन
प्रकाशन ,मी
मराठी मीडिया लिमिटिड,गुजरात
समाचार और उर्दू टाइम्स डेली प्रमुख है। इन अखबार कंपनियों में डी बी कॉर्प सहित सात
अखबार कम्पनियों ने अब तक एफिडेविट नहीं दिया।ये कंपनियां हैं डी बी कॉर्प,मिड डे इंफोमेडिया लिमिटेड,
गुजरात समाचार,
मी
मराठी मीडिया लिमिटेड, उर्दू
टाइम्स, आपला
महानगर और नवाकाल। इन
कम्पनियो के खिलाफ अब सुप्रीमकोर्ट को रिपोर्ट भेजा जा रहा है कि इन सात कम्पनियो
ने आपके आदेश की अवमानना की है जबकि जिन अखबारों ने एफिडेविट दिया है उनके
एफिडेविट की जांच कराई जा रही है।
[शशिकांत सिंह]
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335
लोकमत
प्रबंधन को मात देने वाले महेश साकुरे के पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों
को करें डाउनलोड http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/07/blog-post.html
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