मजीठिया वेज बोर्ड
मामले में मुम्बई के श्री अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशंस के कर्मचारियों
द्वारा कामगार आयुक्त कार्यालय में दायर 17 (1) के रिक्वरी मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी
प्रबंधन की तरफ से आये लीगल एडवाइजर श्री गोसावी को कर्मचारियो के कड़े विरोध के
कारण सुनवाई कक्ष से सहायक कामगार आयुक्त ने बाहर निकाल दिया।
दरअसल श्री
अम्बिका प्रिंटर्स एन्ड पब्लिकेशन्स की तरफ से सुनवाई के दौरान आये श्री गोसाई को
कम्पनी प्रबंधन ने किसी तरह भी इस सुनवाई के लिए अधिकृत पत्र नहीं दिया था और ये
लीगल एडवाइजर बिना किसी अधिकृत पत्र के इस सुनवाई में आये थे।
बताते हैं कि
जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले की मुबई के सहायक कामगार आयुक्त सी ए राउत के
समक्ष सुनवाई थी। जैसे
ही सुनवाई शुरू हुई कम्पनी के लीगल एडवाइजर श्री गोसावी ने कम्पनी का पक्ष रखना
शुरू किया। इसपर
कर्मचारियो की तरफ से आयी एन यू जे की महाराष्ट्र महासचिव शीतल करन्देकर और
निर्भीक पत्रकार तथा आर टी आई एक्सपर्ट शशिकांत सिंह ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि
अगर कम्पनी प्रबन्धन ने लीगल एडवाइजर के रूप में 17 (1) के मामले में श्री गोसावी को अधिकृत किया है
तो पहले उस अधिकृत पत्र की प्रति दिखाइये। इसपर सहायक कामगार आयुक्त ने श्री गोसावी को
अधिकृत पत्र दिखाने को कहा जिसके बाद श्री गोसावी पत्र नहीं दिखा
पाये।
इस दौरान सहायक
कामगार आयुक्त ने गोसावी की उपस्थिति पर कर्मचारियो के एतराज को सही माना और
उन्हें बाहर जाने के लिए कह दिया। नाटकीय मोड़ तब आया जब गोसावी ने बाहर जाने से
ही इंकार कर दिया और कहा मुझे पुलिस बुलाकर बंद करा दीजिये लेकिन मैं बाहर नहीं
जाऊँगा। इसके
बाद सहायक कामगार आयुक्त ने भी गोसावी को कह दिया कि अगर आप अभी बाहर नहीं जाएंगे तो
मुझे वाकई पुलिस बुलाना पड़ेगा। जिसके बाद ना सिर्फ गोसावी बल्कि कम्पनी के
पर्सनल आफिसर ज्ञानेश्वर रहाणे और दूसरे अधिकारियों की भी सिट्टी पिट्टी गुम हो
गयी और कम्पनी के लीगल एडवाइजर को कमरे से बाहर जाना पड़ा और तब जाकर सुनवाई शुरू
हुई।
[शशिकांत सिंह]
पत्रकार और आर टी आई एक्सपर्ट
9322411335
लोकमत
प्रबंधन को मात देने वाले महेश साकुरे के पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों
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