प्रबंधन के दबाव में न आएं पत्रकार और गैर-पत्रकार
मुंबई। एनयूजे की महाराष्ट्र इकाई की अध्यक्ष शीतल करदेकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में महाराष्ट्र के श्रम मंत्री संजय कुठे से भेंट कर पत्रकारों की समस्याओं को लेकर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने मजीठिया वेजबोर्ड लागू करने में अखबार प्रबंधन की लापरवाही समेत पत्रकारों की कई समस्याओं से श्रम मंत्री को अवगत कराया।
पत्रकारों को उनका हक मिले, इसके लिए मंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। मजीठिया वेजबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार की गई सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करने हेतु अखबारों की पुनः जांच करने संबंधी श्रम आयुक्तालय की और से बनाई गई जांच समिति को तत्काल मंजूरी देकर कार्रवाई आरंभ करने हेतु सहयोग करने की मांग भी मंत्री से की गई।
उक्त मांग को देखते हुए मंत्रालय की ओर से मंजूरी प्रदान करने वाला पत्र श्रम आयुक्तालय को प्राप्त हुआ है। अब जल्द ही महाराष्ट्र के सभी समाचार पत्रों की पुनः जांच होगी एवं मजीठिया वेजबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार सिफारिशों को लागू करने हेतु सख्ती बरती जाएगी।
मजीठिया त्रिपक्षीय निरीक्षण समिति की सदस्या और एनयूजे महाराष्ट्र की अध्यक्षा शीतल ने सभी समाचार पत्रों में कार्यरत पत्रकारों तथा गैर-पत्रकारों से अपील की कि वे अपने-अपने व्यवस्थापन के किसी भी प्रकार के दबाव में न आएं तथा आवश्यकता पड़ने पर सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपनी आर्थिक एवं मानसिक शोषण की जानकारी देने के लिए आगे आएं।
[साभार : भड़ास4मीडिया]
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