इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम विभाग द्वारा जारी 12.11.2014 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली 28 रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इन रिट याचिकाओं के खारिज होते ही अखबार मालिकों को जबरदस्त झटका लगा है। ये याचिकाएं हिंदुस्तान, अमर उजाला और United Bharat ने दायर की थी। इन याचिकाओं के द्वारा अखबार प्रबंधन मजीठिया केसों की सुनवाई को प्रभावित करना चाहते थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि सेक्शन-17 में श्रम आयुक्त/ उप श्रम आयुक्त व सहायक श्रम आयुक्त को सुनवाई के अधिकार देने वाली उत्तरप्रदेश सरकार का नोटिफिकेशन सही है। हाईकोर्ट ने माना कि सेक्शन 17(2) में मजीठिया मामलों को सुनना श्रम न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है। हाईकोर्ट से कोई राहत न मिलने से हिंदुस्तान व अमर उजाला प्रबंधन को जोर का झटका लगा है। अखबार मालिकों के वकीलों के किसी भी तर्क को हाईकोर्ट ने नहीं माना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य में मजीठिया की लड़ाई लड़ने वाले साथियों में खुशी की लहर है।
WRIT - C No. - 9321 of 2019 पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे जे मुनीर का फैसला पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न path का प्रयोग करें- https://drive.google.com/file/d/1YPC6Iw8lyU7doBHbm05Q5E1ifshD0KhN/view
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि सेक्शन-17 में श्रम आयुक्त/ उप श्रम आयुक्त व सहायक श्रम आयुक्त को सुनवाई के अधिकार देने वाली उत्तरप्रदेश सरकार का नोटिफिकेशन सही है। हाईकोर्ट ने माना कि सेक्शन 17(2) में मजीठिया मामलों को सुनना श्रम न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आता है। हाईकोर्ट से कोई राहत न मिलने से हिंदुस्तान व अमर उजाला प्रबंधन को जोर का झटका लगा है। अखबार मालिकों के वकीलों के किसी भी तर्क को हाईकोर्ट ने नहीं माना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य में मजीठिया की लड़ाई लड़ने वाले साथियों में खुशी की लहर है।
WRIT - C No. - 9321 of 2019 पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे जे मुनीर का फैसला पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न path का प्रयोग करें- https://drive.google.com/file/d/1YPC6Iw8lyU7doBHbm05Q5E1ifshD0KhN/view
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