आरटीआई से हुआ खुलासा
माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के ८४ अखबार मालिकों ने अबतक जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। महाराष्ट के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे द्वारा डिप्टी डायरेक्टर जनरल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को १६ दिसंबर २०१७ को भेजी अपनी रिर्पोट में यह दावा किया गया है। इन ८४ अखबारों में ६१ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होने अपने यहां जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू नहीं किया है जबकि २३ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होने आशिंक रुप से अपने यहां मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागूू किया है। यह रिर्पोट जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच की मजीठिया वेज बोर्ड की क्रियान्यवयन रिर्पोट पर आधारित है। इस रिर्पोट में दावा किया गया है कि जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच महाराष्ट में टोटल २७३० समाचार पत्रों का प्रकाशन किया गया है जिसमें २६०१ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें एक या दो लोग काम करते हैं जबकि १२९ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें २ से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं । इन १२९ समाचार पत्रो में ४५ समाचार पत्र ऐसे हैं जिन्होने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दी है जबकि २३ समाचार पत्रो ंने सिफारिश आंशिक रुप से लागू किया है। ६१ समाचार पत्र मालिकों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया। इस जानकारी में बताया गया है कि इन समाचार पत्रों के १४८ कर्मचारियों ने केस फाईल उनके कार्यालय में किया था जिसमें ९१ मामलों का निस्तारण कर दिया गया जबकि ५७ शिकायतों पर कारवाई प्रगति पर है। यानी इस रिपोर्ट से साफ हो गया कि अखबार मालिक सुप्रीमकोर्ट से भी खुद को बड़े समझते हैं।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
९३२२४११३३५
माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बावजूद महाराष्ट्र के ८४ अखबार मालिकों ने अबतक जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया है। यह खुलासा हुआ है आरटीआई के जरिये। महाराष्ट के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे द्वारा डिप्टी डायरेक्टर जनरल, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार को १६ दिसंबर २०१७ को भेजी अपनी रिर्पोट में यह दावा किया गया है। इन ८४ अखबारों में ६१ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होने अपने यहां जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू नहीं किया है जबकि २३ अखबार मालिक ऐसे हैं जिन्होने आशिंक रुप से अपने यहां मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागूू किया है। यह रिर्पोट जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच की मजीठिया वेज बोर्ड की क्रियान्यवयन रिर्पोट पर आधारित है। इस रिर्पोट में दावा किया गया है कि जुलाई २०१७ से सितंबर २०१७ के बीच महाराष्ट में टोटल २७३० समाचार पत्रों का प्रकाशन किया गया है जिसमें २६०१ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें एक या दो लोग काम करते हैं जबकि १२९ समाचार पत्र ऐसे हैं जिसमें २ से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं । इन १२९ समाचार पत्रो में ४५ समाचार पत्र ऐसे हैं जिन्होने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दी है जबकि २३ समाचार पत्रो ंने सिफारिश आंशिक रुप से लागू किया है। ६१ समाचार पत्र मालिकों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद भी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश अपने यहां लागू नहीं किया। इस जानकारी में बताया गया है कि इन समाचार पत्रों के १४८ कर्मचारियों ने केस फाईल उनके कार्यालय में किया था जिसमें ९१ मामलों का निस्तारण कर दिया गया जबकि ५७ शिकायतों पर कारवाई प्रगति पर है। यानी इस रिपोर्ट से साफ हो गया कि अखबार मालिक सुप्रीमकोर्ट से भी खुद को बड़े समझते हैं।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
९३२२४११३३५
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