मजीठिया मामले में सुप्रीम कोर्ट का डंडा होने के बाद अब लेबर कोर्ट भी प्रेस मालिकों को राहत देने के मुड़ में नहीं है। इंदौर लेबर कोर्ट में मजीठिया मामले में चल रही सुनवाई के दौरान लेबर कोर्ट चार दिन से लंबी तारीख देने को तैयार नहीं है, जिससे मालिकों के वकीलों की चेहरे को नूर उड़ा हुआ है। मंगलवार को पाउच अखबार सहित नई दुनिया की तारीख में माननीय जज साहब ने साफ कह दिया है कि मजीठिया मामले में चार दिन और अधिक से अधिक 8 दिन का समय जवाब और वकील पत्र प्रस्तुत करने के दिया जा सकता है। इससे अधिक समय नहीं दिया जा सकता है। प्रेस मालिकों के वकीलों को माननीय जज साहब ने समझाइश देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन आपके पक्षकार द्वारा सन् 2011 से अभी तक नहीं किया गया है, इससे साफ है कि वे मामले में बेवजह लेतलतीफी कर रहे हैं। मुझे 6 माह के निर्देश मिले हैं उसका पालन मुझे कराना है। आप तो अपने पक्षकार से लिखित में यह लेकर आए कि उन्हें मजीठिया का बकाया वेतन देना या नहीं। इस पर वकीलों ने अपना पक्ष रखते हुए समय मांगा, लेकिन जज साहब के सामने उनकी एक न चली।
मजीठिया मामले में जिस तरह से कोर्ट में कार्रवाई चल रही है, उससे साफ हो गया है कि चार माह में मजीठिया मामले में सार्थक परिणाम आने लगेंगे और कई पत्रकार और प्रेस कर्मचारियों को अपनी मेहनत का बकाया पैसा मिलने लगेगा।
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