मजीठिया के मोर्चे पर आज लंबे समय बाद अच्छी खबर मिली है। मध्य प्रदेश पत्रकार संगठन के अध्यक्ष सुचेन्द्र मिश्रा के रीवा स्थानांतरण को श्रम न्यायालय ने अवैध ठहराया है। उनके साथ ही आशुतोष द्विवेदी, वैभव खत्री, वरुण चौहान, कैलाश नेकाड़ी और पवन के स्थानांतरण को भी कोर्ट ने अवैध मानते हुए उन्हें इंदौर में ही ज्वाइन कराने के निर्देश दिए हैं। इनमें से तीन कर्मचारी पत्रिका के ठेकेदार कंपनी ffpl के हैं। मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन करपे ने पैरवी की थी।
मुझे भी पत्रिका पर केस करना है। साल भर पहले रिजाइन किया था। मेरा ट्रांसफर कोटा से बीकानेर कर दिया था।
ReplyDeleteफैसले की कॉपी मिल सकती है, क्या?
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