- हाईकोर्ट ने नहीं दिया स्टे
- प्रबंधन ने तीन कर्मचारियों को बिना काम के वेतन दिया
मजीठिया मामले में राष्ट्रीय सहारा प्रबंधन का करारा झटका लगा है। लेबर कोर्ट से हारने के बाद राष्ट्रीय सहारा प्रबंधन हाईकोर्ट में प्रोडक्शन के तीन कर्मचारियों के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में गया। प्रबंधन को उम्मीद थी कि लेबर कोर्ट के आदेश पर स्टे मिल जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट के माननीय जज श्री मनोज तिवारी ने प्रबंधन को सुनवाई से पहले तीनों कर्मचारियों को 17 (2) के तहत चार हफ्तों की अवधि में वेतन देने के आदेश दिये। इसके बाद सहारा प्रबंधन गत दिनों तीन कर्मचारियों को ढाई-ढाई महीने का वेतन बिना काम पर लिये दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन कर्मचारियों को अब हर माह बिना काम के सेलरी मिलेगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय सहारा प्रबंधन ने प्रोडक्शन में कार्यरत पूरणानंद, अनिल कुमार वर्मा और जय सिंह बिष्ट को बिना कारण और बिना नोटिस दिये नौकरी से निकाल दिया था। तीनों ने इसके खिलाफ लेबर कोर्ट में शरण ली थी और लेबर कोर्ट ने तीनों कर्मचारियों को नौकरी पर वापस लेने का आदेश दिया साथ ही यह भी फैसला सुनाई कि नौकरी से निकाले जाने से लेकर वापस लेने तक की अवधि में प्रति माह आधा वेतन के हिसाब से इन कर्मचारियों को दिया जाए। प्रबंधन को हाईकोर्ट जाना महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट ने तुरंत प्रभाव से तीनो ंको वेतन देने का आदेश दिया है। सुनवाई तभी होगी। इस मजबूरी में प्रबंधन को तीनों कर्मचारियों को मजबूरी में वेतन देना पड़ रहा है। इससे सहारा के खिलाफ केस लड़ रहे सभी कर्मचारियों में भारी उत्साह है।
[गुणानंद जखमोला की रिपोर्ट]
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