बरेली। मजीठिया वेजबोर्ड के अनुरूप वेतन और भत्ते ना देने के मामले में
अवमानना के केस में सुप्रीम कोर्ट के संभावित कड़े फैसले के आने से पहले ही
हिन्दुस्तान प्रबंधन बुरी तरह बौखला गया है। बौखलाहट में हिन्दुस्तान प्रबंधन ने
स्टाफ को और भी कम करना शुरू कर दिया है ताकि मजीठिया मांगने और प्रबंधन की
मुखालफत करने के लिए शेष बचे कर्मचारी हिम्मत ना जुटा सकें। इस समय हिंदुस्तान
बरेली में स्टाफ बहुत कम है। जो लोग कार्यरत हैं, वे अभी भी पांच-पांच आदमियों के काम का बोझ
उठाकर उफ्फ भी नहीं कर पा रहे हैं। ये लोग मजीठिया वेतनमान व एरियर मिलने की
उम्मीद पाले हुए नौकरी कर रहे हैं।
ऐसी सूचना आ रही है कि प्रबंधन ने बरेली यूनिट के आईटी मैनेजर हरिओम गुप्ता को
बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उनकी जगह पर लखनऊ से रमेश कुमार ने आकर आईटी मैनेजर
की कुर्सी संभाल ली है। हरिओम गुप्ता को पहले नोयडा बुलाया गया फिर उनको मना कर
दिया गया। इतना ही नहीं, हिन्दुस्तान प्रबंधन ने कई सालों से बरेली
यूनिट में कार्यरत गरीब मेहनतकश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी पेट पर लात मार
दी है। ये कर्मचारी रोजी-रोटी खोकर सड़क पर आ गए हैं। इनमें ऑफिस कर्मचारी विपिन
कुमार राणा, राजेश कुमार शर्मा, माली विजयपाल, हाउस कीपर सुभाष वाल्मिकी, प्रोडक्शन के
सुशील कुमार और पैकिजिंग सेक्शन के चार कर्मचारी हैं।
चपरासी के बतौर अब सिर्फ अर्जुन सिंह तोमर ही कार्यरत हैं। उनके भी कार्य करने
के घंटे बढ़ा दिए गए हैं। कल तक चपरासी पानी पिलाते थे। अब हर कर्मचारी के आगे एक
बार पानी की बोतल भरकर रख दी जा रही है। पहले चपरासी दो बार कंपनी की ओर से चाय
वितरण करते थे। अब नई व्यवस्था में चाय की मशीन ऑफिस के अंदर ही लगा दी गयी है।
जिस कर्मचारी को चाय पीनी हो, वह स्वयं मशीन पर जाकर चाय लेकर पिए।
सुप्रीम कोर्ट की लगातार अवमानना करके न्यायपालिका को खुली चुनौती दे रहे
बेख़ौफ़ हिन्दुस्तान प्रबंधन के बरेली में मजीठिया को लेकर इस कड़े कदम से हड़कंप मचा
हुआ है। ख़ामोशी से नौकरी कर रहे कर्मचारियों की भी अब उम्मीद टूटने लगी है कि
वफ़ादारी के एवज में प्रबंधन उनको बिना लड़े मजीठिया वेजबोर्ड का कोई लाभ देगा। अभी
तक क्लेम ना करने वाले चुपचाप नौकरी कर रहे हिन्दुस्तानी भी अब नए हालात पर मंथन
कर रहे हैं।
मालूम हो कि बरेली में 31 मार्च को डीएलसी ने हिंदुस्तान के चीफ रिपोर्टर पंकज
मिश्रा के पक्ष में 25,64,976 रूपये, सीनियर कॉपी एडिटर मनोज शर्मा के पक्ष में
33,35,623 रूपये और सीनियर सब एडिटर निर्मलकांत शुक्ला के पक्ष में 32,51,135
रूपये की वसूली के लिए हिन्दुस्तान बरेली के महाप्रबंधक/यूनिट हेड और स्थानीय
संपादक के नाम आरसी जारी करके जिलाधिकारी, बरेली को भेज दी थी जो कि वसूली की प्रक्रिया
में है।
इस बीच, फिल्म सिटी नोएडा से सूचना आ रही है कि इनक्रीमेंट के दिन ही जी बिजनेस चैनल
से दर्जन भर से ज्यादा पत्रकार बाहर निकाल दिए गए। जी बिजनेस के कर्मचारी
इनक्रीमेंट की चिट्ठी का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन उन्हें एचआर विभाग ने बिना कारण
बताए नौकरी से चलता कर देने की चिट्ठी दे दी। जो लोग निकाले गए हैं उनमें डेस्क
प्रभारी, प्रोग्रामिंग
प्रभारी, सीनियर
प्रोड्यूसर, पांच प्रोड्यूसर, एक एंकर और दो एएफपी शामिल हैं।
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पत्रकारों की वेतन वृद्धि
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मजीठिया और मीडिया पर दिया गया बयान अखबारों ने नहीं किया प्रकाशित
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‘ईयर ऑफ विक्टिम्स’ और मजीठिया मामले में
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पढ़े- हमें
क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17D: सभी
ग्रेड के साथी एरियर बनाते हुए इन बातों का रखें ध्यान http://goo.gl/Npp9Hp
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