Friday, 27 December 2019

B.V. Mallikarjunaiah Re-elected as the President of the Indian Federation of Working Journalists

New Delhi, December 27; Renowned Kannada journalist B.V. Mallikarjunaiah has the unanimously elected as the President of the Indian Federation of Working Journalists (IFWJ) for the second consecutive term. His election has been announced today by the Central Returning Officer (CRO) Shankar Dutt Sharma. B.V. Mallikarjunaiah’s name has been proposed and seconded by more than 500 members from ten states. Presently, 27 state units are affiliated to the IFWJ (out of it 23 units are registered with the Registrar of Trade Unions of their respective states).  The IFWJ Working Committee in its meeting held at Raipur on 18th August had decided that the candidature of the contestant should be proposed and seconded by at least 50 members from two states.

Mallikarjunaiah has worked in senior positions in many news organisations. His journalistic experience spans more than five decades. He worked for more than forty years for the Kannada Prabha, a prestigious newspaper of Karnataka. In the year 2009, he was sought by many media organisations to launch or refurbish the newspapers or news channels. However, he preferred to be associated with the Suvarna News, an electronic channel as its News Programmer. For some time, he worked in a senior position with Udayavani, another prestigious newspaper of Bangalore. Although, he has been mainly with print journalism yet his understanding of other modes of journalism like that of the electronic is quite significant. Presently, he is associated with Kannada Prabha in his second stint in the capacity of the Editor, Co-ordination and Special Projects of the newspaper.

Widely travelled in India and abroad Mallikarjunaiah is known for his fierce trade unionism, impeccable integrity and honesty. He is a God-fearing person. He loves reading, writing and travelling. He holds Post-Graduation in Kannada Language and Literature. 

Journalists and non-journalists hold him in high esteem and turn towards him for his advice and guidance, which he offers without any demur. A good Samaritan, that he is, Mallikarjunaiah helps anybody and everybody across all spectrum of the society.  Mallikarjunaiah has also been a member of the Central Press Accreditation Committee (CPAC). He is also the Patron of the Confederation of Asian Journalists Union (CAJU). His first term as the President of the IFWJ has been quite magnificent and glorious in the consolidation of the organisation throughout the country and hopefully, his second term will help the IFWJ to grow from strength to strength so that it can work with more vigour for the welfare of journalists. He has had held the post of the President the Karnataka

Union of Working Journalists for three terms and the credit goes to him for organising a number of successful meetings and conferences of the IFWJ. He was the member Karnataka State Media Academy, TSR Award Selection Committee, P Ramaih Small and Medium Newspapers Advisory Committee, Central Press Accreditation Committee, Railways Consumers Advisory Committee and the Senate member of Bangalore University. It is because of his efforts as the Director of the Journalists Housing Co-operative Society that scores of journalists got residential plots in Bangalore and they are now the proud owners of their houses. Mallikarjunaiah has won many awards from different bodies and organisations.

However, the biggest commendation had come to him from the late S.V. Jayasheela Rao, an iconic journalist, who described ‘Mallikarjunaiah, as a class apart. He is an affable, well behaved, and always ready to help others but above all, he is decent to the core. He has always used journalism as a means to serve society and not to suck it for his personal benefits. These qualities are enough to make him a loveable a tall in the eyes of others.’ The new term of Mallikarjunaiah will start from the Delegate Session to be held soon, where the CRO Shri Sharma with the help of ACRO Shri T.B. Singh will conduct the election of other office-bearers.

Parmanand Pandey
Secretary-General: IFWJ




Wednesday, 25 December 2019

पीएफ चोरी पर लगेगा दस गुना जुर्माना, तीन साल तक हो सकती है जेल

नई दिल्‍ली। कर्मचारियों के भविष्‍य निधि (पीएफ) चोरी पर अब कंपनियों से दस गुना जुर्माना वसूला जाएगा। पहले यह रकम दस हजार रुपये थी, लेकिन अब इसे एक लाख रुपये कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने कोड ऑफ सोशल सिक्योरिटीज नाम के एक बिल में यह प्रावधान किया है। सरकार को  कर्मचारी संगठनों से शिकायतें मिल रही थीं कि कई कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में से पीएफ का पैसा तो काटती हैं, लेकिन उसे जमा नहीं करातीं। इसके चलते ही उसने इस मामले में सख्ती बरतने का फैसला किया है। इसके तहत अब कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ के बारे में अपनी जानकारी दुरुस्‍त रखनी होगी।
नए प्रावधानों के तहत पीएफ न जमा करने या गलत जानकारी देने वाली कंपनियों के खिलाफ लगने वाले जुर्माने को 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक कर दिया गया है। जुर्माने के साथ-साथ ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को तीन साल तक की जेल भी हो सकती है।
[साभार हिंदुस्तान]

Tuesday, 24 December 2019

मजीठिया पर बड़ी खबर: भास्कर के 13 साथियों ने जीता रिकवरी का केस, मिलेंगे...

राजस्थान में दैनिक भास्कर को एक बार फिर झटका लगा है यहां भीलवाड़ा के 13 साथियों के मामले में आज शाम 5 बजे लेबर कोर्ट ने अपना आर्डर सुनाया। आर्डर में सभी कर्मचारियों को मजीठिया का हकदार मानते हुए जज साहब ने एरियर देने का आदेश दिया। यहां कर्मचारियों को बिना ब्याज के भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं उक्त 13 साथियों में सबसे ज्यादा 29 लाख रुपए का एरियर और कम से कम 5 लाख का एरियर देने के आर्डर हुए हैं।

Saturday, 21 December 2019

वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बरकरार रखने को कहा

नई दिल्ली, 20 दिसंबर। कनफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूज एजेंसी एंप्लाइज ने संसदीय स्थाई श्रम समिति के सामने वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को बरकरार रखे जाने की मांग की। कनफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में व्यापक संशोधन किया जाए और उसमें इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को भी शामिल किया जाए। श्रम विभाग के अस्थाई संसदीय समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब और अन्य सदस्यों ने मीडिया कर्मियों की बात ध्यान से सुनी और आश्वसान दिया कि वे सारी बात भारत सरकार के समक्ष पूरी दृढ़ता से रख देंगे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशन कोड पर निर्णय लेने से पहले मीडिया कर्मियों की बात पर विशेष रूप से ध्यान देगी। करीब 2 माह पहले इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (आईएफडब्लूजे) और कंफेडरेशन के प्रतिनिधिमंडलों को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार आश्वस्त कर चुके हैं कि कोई भी निर्णय लेने के पहले संसदीय स्थाई समिति के आलोक में ही विधेयक का स्वरूप सुनिश्चित करेंगे। संसदीय समिति के समक्ष आईएफडब्ल्यू की तरफ से उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी,

महासचिव परमानंद पांडेय, कोषाध्यक्ष
रिंकू यादव ने इस बैठक में अपनी बातें रखीं। कनफेडरेशन की ओर से महासचिव एमएस यादव, सीएस नायडू और अनिल गुप्ता (प्रधान, द ट्रिब्यून एम्प्लाइज यूनियन, चंडीगढ़) एनयूजे के अशोक मलिक, मनोहर सिंह मनोज मिश्रा, आईजेयू की ओर से श्रीनिवास रेड्डी, एसएन सिन्हा, पीटीआई एम्पलाइज फेडरेशन की ओर से भुवन चौबे आदि ने देश के श्रमजीवी पत्रकारों का पक्ष रखा।

(साभार: ट्रिब्यून)

Friday, 20 December 2019

पत्रकार शशिकांत सिंह को पितृ शोक

मुम्बई के यशोभूमि हिंदी दैनिक के उपसंपादक शशिकांत सिंह के पिता रामलोचन सिंह का आज शुक्रवार को  वाराणसी  के शास्त्रीनगर, सिगरा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 87 साल के थे। रामलोचन सिंह मुम्बई के  भांडुप स्थित सिएट टायर कंपनी में लंबे समय तक मजदूर यूनियन के लीडर थे। और वे समाजसेवी भी थे। वे मूलतः चंदौली के धानापुर के अमरा ग्रांम के रहने वाले थे। वे अपने पीछे पत्नी गुलबास देवी, बेटी शशिकला सिंह, नंदा सिंह, बेटे शशिकांत सिंह, शिवाकांत सिंह, भतीजे कन्हैया सिंह, दरोगा सिंह, पदपंकज सिंह, सुधीर सिंह और नाती शशांक सिंह, चंचल सिंह, संतोष सिंह, सुशील सिंह, बहू इंदु सिंह, रेखा सिंह, नातिन सुमन सिंह, निष्ठा सिंह, सिमरन सिंह  दामाद एसपी सिंह और चंद्रजीत सिंह आदि सहित भरा पूरा परिवार  छोड़ गए हैं। उनके निधन पर मुम्बई और वाराणसी के पत्रकारों में शोक की लहर है।

Tuesday, 17 December 2019

मजीठिया: ‘दबंग दुनिया’ के मालिक ने कर्मी को धमकाते हए सुप्रीम कोर्ट को दी गाली, सुनें टेप


भोपाल। इंदौर के गुटका किंग और दबंग दुनिया के मालिक किशोर वाधवानी ने भोपाल में मजीठिया वेजबोर्ड का केस लगाने वाले मीडियाकर्मी संजय राठौर को बुरी तरह धमकाया। इस दौरान गुटका किंग ने सर्वोच्‍च न्‍यायालय के लिए भी अपशब्‍दों का प्रयोग किया। इस पूरे प्रकरण की शिकायत पुलिस से भी की गई है। इस पूरे मामले को अब जल्द ही सुप्रीम कोर्ट और मप्र उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा।



संजय राठौर ने भोपाल के एमपी नगर थाने में अखबार के मालिक किशोर वाधवानी और हर्ष जायसवाल के खिलाफ की लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि उसपर मजीठिया का केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। जब वह नहीं माना तो उसको धमकियां दी गई और सर्वोच्‍च न्‍यायालच के लिए भी अखबार मालिक द्वारा अपशब्‍दों का प्रयोग किया गया।

संपादक को 40 हजार नहीं मिलते, तेरे को...
आडियो टेप में साफ सुनाई दे रहा है कि किशोर वाधवानी और हर्ष जायसवाल कैसे संजय पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे है। इस दौरान अखबार मालिक किशोर वाधवानी संजय से उसकी क्‍लेम राशि और वेतन पूछता है। बताए जाने पर गुस्‍से में किशोर वाधवानी कहता है कि 40 हजार रुपये तो हम संपादक को भी नहीं दे रहे हैं। संजय को उसकी औकात बताने की कोशिश की जाती हैं और उसे केस वापस नहीं लेने की स्थिति में धमकियां भी दी जाती है।
आप भी पूरी रिकार्डिंग सुनने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न path का प्रयोग करें-
https://drive.google.com/file/d/1COCro-yu4wFYUCqiKY60DO1lS_c8PWIO/view?usp=sharing

Monday, 16 December 2019

मजीठिया: विजय दिवस पर पत्रिका बुरी तरह हारा, सुचेंद्र मिश्रा सहित छः कर्मचारी ट्रांसफर का केस जीते

मजीठिया के मोर्चे पर आज लंबे समय बाद अच्छी खबर मिली है। मध्य प्रदेश पत्रकार संगठन के अध्यक्ष सुचेन्द्र मिश्रा के रीवा स्थानांतरण को श्रम न्यायालय ने अवैध ठहराया है। उनके साथ ही आशुतोष द्विवेदी, वैभव खत्री, वरुण चौहान, कैलाश नेकाड़ी और पवन के स्थानांतरण को भी कोर्ट ने अवैध मानते हुए उन्हें इंदौर में ही ज्वाइन कराने के निर्देश दिए हैं। इनमें से तीन कर्मचारी पत्रिका के ठेकेदार कंपनी ffpl के हैं। मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन करपे ने पैरवी की थी। 

Friday, 13 December 2019

Patrakar Bhawan be Restored to its Owner the IFWJ

Now that the old building of the Patrakar Bhawan of Bhopal has been razed to the ground on the orders of the Hon’ble High Court of Madhya Pradesh at Jabalpur, the Indian Federation of Working Journalists (IFWJ) demands that the land should be restored to us, its original owner. The Patrakar Bhawan was given to the Patrakar Bhawan Samiti in 1969, which comprised the top leadership of the Indian Federation of Working Journalists. The veterans of the IFWJ like the Late Surya Narayan Sharma, the Late V. T. Joshi, Lajja Shankar Hardeniya, Dhanna Lal Shah, Nitin Mehta and Prem Babu Shrivastava were the pillars and the pioneers of Patrakar Bhawan Samiti. The office of Madhya Pradesh Working Journalists Union affiliated to the IFWJ was also housed in Patrakar Bhawan. There were many rooms on the first floor of the Patrakar Bhawan from where the offices of many of the newspapers were operating. A hall was also made in the Patrakar Bhawan to hold some meetings of the journalists. This land is located at the prime Malviya Nagar of Bhopal in an area of nearly 28 thousand square feet. There was a sprawling lawn on the land allotted to the Patrakar Bhawan. Unfortunately, in the late 1980s, Patrakar Bhawan came into the hands of a person who first became the President of the Madhya Pradesh Working Journalists Union and later grabbed the entire building for commercial use.  The entire profit was being pocketed by him.

This is not the only place, given to the journalists, which is being grossly misused. There is a Press Club in Lucknow, whose story is more tragic and sad than even the Patrakar Bhawan of Malviya Nagar at Bhopal. The U.P. Press Club is situated in the most sought-after address of Lucknow. It is known as the China Bazar Gate for unknown reasons. This is a heritage building, which should be protected by the Archaeological Survey of India. But the apathy, irresponsibility and indifference of the ASI and the Lucknow Development Authority, is disgusting. No journalist worth name visits the Lucknow Press Club.  To make matters worse it is rented on an hourly basis for holding the meetings and press conferences etc. Both sides of the building are being used for running the restaurant. The persons, who have grabbed the U.P. Press Club have got no sense of shame, which is evident from the neglect of this historical place. They have converted into a making money site. It is all the more, unfortunate that a person who had once been at the helm of the IFWJ is collaborating with the people, who are out to destroy this great building of heritage value. But why the state government is keeping silent over the egregious destruction of this great monument is inexplicable?

Coming to the Patrakar Bhawan of Bhopal it is hoped that the Government of Madhya Pradesh will not only restore to land to the IFWJ, its original owner but will also extend all possible help in building  a state-of-art centre for the use of the journalists from where they can work, learn new things and contribute to the building the atmosphere of the good journalism. There is no need to go into the past, now the time has come to look forward for the better.


Parmanand Pandey
Secretary-General, IFWJ

Saturday, 7 December 2019

दैनिक भास्कर को उसके मीडियाकर्मी लेबर कोर्ट में बार-बार दे रहे पटखनी! डाउनलोड करें आर्डर

दैनिक भास्कर, कोटा के कई मीडियाकर्मी ने अवैध तरीके से खुद को नौकरी से हटाए जाने और मजीठिया वेज बोर्ड के तहत सेलरी-बकाया देने की लड़ाई लड़ रहे हैं।  इन लोगों ने अलग अलग ग्रुप बनाकर केस दायर किया हुआ है।

पिछले दिनों दैनिक भास्कर, कोटा के कर्मचारी दिनेश शर्मा, गुमानी शंकर, हेमंत और सुनील मेहेंदले के मामले में फैसला आ गया। इसमें दैनिक भास्कर प्रबंधन की करारी हार हुई है। इससे पूर्व 3 साथी रामविशाल नागर, विष्णु बालोदिया व कुंज बिहारी के मामले में भी आए निर्णय में दैनिक भास्कर को पराजय का सामना करना पड़ा।

ताजा फैसले में जज ने हटाए जाने की अवधि से लेकर अब तक पचास फीसदी सेलरी देने और आगे से नौकरी कांटीन्यू करने का आदेश दैनिक भास्कर प्रबंधन को दिया है। इस आदेश का पालन दो महीने में करने को कहा गया है।

इस फैसले से दैनिक भास्कर तथा उनके वकील की ओर से असत्य व अन्याय की पैरवी किए जाने की बहुत बुरी हार हुई। कर्मचारियों के वकीलों का अनुभव और दूरदर्शिता का फायदा कर्मचारियों को मिला। सिद्ध हुआ कि सत्य और न्याय में देर है लेकिन अंधेर नहीं है।

कोटा से अब तक 7 लोगों का फैसला आ चुका हैं जिसमें भास्कर पराजित हुआ है। इन फैसलों से यह साफ है कि दैनिक भास्कर के अंदर बैठे चापलूस कर्मचारी सेठ जी की साख को तबीयत से बत्ती लगा रहे हैं।

[कोटा से आलोक की रिपोर्ट]

विष्णु बालोदिया मामले में आए आर्डर को डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-
https://docs.google.com/document/d/1a4aW-dawz4tkWHTf_NQftJC6tuhtApGVfqLyVGV-6AY/edit?usp=sharing

दैनिक जागरण में कार्यरत रहे मजीठिया योद्धा सुधांशु श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से निधन



उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर में मजीठिया योद्धा सुधांशु श्रीवास्तव का हार्ट अटैक से निधन हो गया। वे करीब 57 वर्ष के थे। सुधांशु दैनिक जागरण, बरेली में कार्यरत थे और मजीठिया के मुद्दे पर लेबर कोर्ट, बरेली में मुकदमा लड़ रहे थे। उनका मुकदमा बरेली लेबर कोर्ट में लंबित है, जिसमें शुक्रवार 6 दिसम्बर को सुनवाई की तिथि नियत थी। उनका शुद्धि हवन 7 दिसम्बर को उनके खिरनीबाग, शाहजहांपुर स्थित निवास पर हुआ।

बताते हैं कि सुधांशु श्रीवास्तव बुधवार को दोपहर में घर पर अकेले थे, उनकी पत्नी मधुरिमा श्रीवास्तव जोकि आर्य कन्या इंटर कॉलेज शाहजहांपुर में शिक्षिका हैं, वह कॉलेज गई हुई थीं, जब अपराहन तीन बजे वह कालेज से लौटी तो बेल बजाने पर दरवाजा नहीं खुला, तब उन्होंने सुधांशु श्रीवास्तव के मोबाइल पर घंटी की। मोबाइल की घंटी बजती रही लेकिन कॉल रिसीव ना होने पर अनहोनी की आशंका में उनका माथा ठनका। मोहल्ले में रहने वाले एक लड़के को बुलाकर उसे बाउंड्री पार कराकर घर के अंदर प्रवेश कराया, तब किसी तरह अंदर से बंद दरवाजे की कुंडी खुली तो सुधांशु श्रीवास्तव बेड पर पड़े मिले।

आनन-फानन में उनको चिकित्सक के यहां ले जाया गया, लेकिन चिकित्सक ने उनकी कुछ देर पहले ही हार्ट अटैक से मौत हो जाना बताया। सुधांशु श्रीवास्तव ने करीब डेढ़ साल पहले लखनऊ में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लारी हार्ट सेंटर में हार्ट की बाईपास सर्जरी कराई थी। उनके दो बच्चे हैं। बेटा और बेटी दोनों ही दिल्ली में जॉब करते हैं।

शाहजहांपुर में वह व उनकी पत्नी दो ही लोग रहते थे। सुधांशु श्रीवास्तव बरेली में दैनिक जागरण की यूनिट लगने के समय से ही कार्यरत थे। मजिठिया के चलते उनका प्रबंधन से टकराव हो गया तो प्रबंधन ने उनका स्थानांतरण पंजाब कर दिया तो वह गए नहीं और जागरण पर श्रम न्यायालय में केस ठोंक दिया।

सुधांशु कुछ समय दैनिक जागरण के शाहजहांपुर, पीलीभीत व बदायूं ब्यूरो में भी कार्यरत रहे। वह अधिक समय तक दैनिक जागरण के बरेली यूनिट कार्यालय पर डेस्क पर कई संस्करणों के प्रभारी रहे। वे मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले थे लेकिन कई दशकों से शाहजहांपुर में स्थायी रूप से रह रहे थे।

उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन, बरेली मंडल बरेली के अध्यक्ष निर्मल कान्त शुक्ल ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत ही दुख भरी खबर है। यकीन ही नहीं हो रहा है कि हम सबके प्रिय सुधांशु जी अब हमारे बीच नहीं है। जन्म और मृत्यु इस सृष्टि (प्रकृति) का नियम है। जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है।

कुछ लोग मर तो जाते हैं पर उनके विचार हमेशा जिन्दा रहते हैं और उनके किये कार्य दूसरों के लिए प्रेरणा बना जाता है। होनी को कौन टाल सकता हैं, ईश्वर की इच्छा के सामने इंसान बेबस होता है। मृत्यु सत्य है और शरीर नश्वर हैं, यह जानते हुए भी अपनों के जाने का दुःख होता है।

हम सभी को ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि दिवंगत की आत्मा को शांति और मोक्ष प्रदान करें। अच्छे लोग दिलों में इस तरह उतर जाते हैं कि मरने के बाद भी अमर हो जाते हैं। सुधांशु जी के निधन से पत्रकार जगत को न सिर्फ गहरा दुःख हुआ बल्कि यह हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वक्त के साथ जख्म तो भर जायेंगे, मगर जो बिछड़े सफर जिन्दगी में फिर ना कभी लौट कर आयेंगे। मजीठिया योद्धा निर्भय सक्सेना, रमेश चंद रॉय, अरुण द्विवेदी ने सुधांशु श्रीवास्तव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

बरेली से वरिष्ठ पत्रकार निर्मलकांत शुक्ला की रिपोर्ट...
[साभार: भड़ास4मीडिया.कॉम]