दैनिक हिन्दुस्तान फर्जी संस्करण और 200 करोड़ का सरकारी विज्ञापन घोटाला
सुनवाई की अगली तारीख 16 अप्रैल
श्रीकृष्ण प्रसाद [अधिवक्ता]। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च 2018 को एक ऐतिहासिक आदेश में मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्ज लिमिटेड की चेयरपर्सन व पूर्व कांग्रेस सांसद शोभना भरतिया को सवा लाख रुपये की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया है। मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्ज लिमिटेड कंपनी देशभर में हिंदी समाचार दैनिक हिन्दुस्तान का प्रकाशन करती है ।
हर्जाना-राशि से एक लाख रुपये नई दिल्ली के अरूणा आसिफ अली मार्ग, 1811, स्थित वार विडोज एसोसिएशन (शहीदों की विधवाओं की संस्था) और पच्चीस हजार रुपये रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा को भुगतान करने का आदेश पीटिशनर शोभना भरतिया को कोर्ट ने दिया।
सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज जे चेलामेश्वर और माननीय जज संजय किशन कौल की पीठ ने 16 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश सुनाया और सुनवाई की अगली तारीख 18 अप्रैल निर्धारित की।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को पारित अपने आदेश में लिखा है कि ‘कोर्ट अनुभव करता है कि स्पेशललीव पीटिशन (क्रिमिनल) 1603/2013 , जो अब क्रिमिनल अपील नं. 1216/2017 है, में पीटिशनर को अपने वरीय अधिवक्ता की अनुपस्थिति में बहस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थीं, इसलिए कोर्ट रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की क्षतिपूर्ति के लिए पीटिशनर शोभना भरतिया को सवा लाख रुपये की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे लिखा है कि ‘गत 18 जनवरी 2018 को भी न्यायालय में बहस इसलिए स्थगित कर दी गई थीं, क्योंकि पीटिशनर शोभना भरतिया के विद्वान वरीय अधिवक्ता न्यायालय में अनुपस्थित थे। रेस्पोन्डेन्ट नं. 02 के विद्वान वरीय अधिवक्ता (श्रीकृष्ण प्रसाद) ने न्यायालय से प्रार्थना की थीं कि मुकदमे का निबटारा त्वरित होना चाहिए। न्याय का तकाजा था कि कोर्ट ने पीटिशनर शोभना भरतिया और रेस्पोन्डेन्ट नं. 01 बिहार सरकार को न्यायालय में अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 14 मार्च 2018 की अगली सुनवाई तिथि निर्धारित की थीं ।
रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय से बहस में हिस्सा न लेने के लिए पीटिशनर शोभना भरतिया पर बड़ा हर्जाना लगाने और उनका और बिहार सरकार का पक्ष सुन लेने की प्रार्थना की। अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने कोर्ट को सूचित किया कि पीटिशनर इस मुकदमे में सुनवाई से कतरा रही है और रेस्पोन्डेन्ट नं. 02 मन्टू शर्मा के अधिवक्ता नई दिल्ली से लगभग दो हजार किलोमीटर दूर बिहार के मुंगेर जिला मुख्यालय से हर तिथि पर सुप्रीम कोर्ट में विगत पांच वर्षों से कोर्ट की कार्रवाई में हिस्सा लेते आ रहे हैं और सुनवाई लगातार टलती जा रही है ।
जिन विद्वान अधिवक्ताओं ने 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में बहस में हिस्सा लियाः सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च को बहस के दौरान पीटिशनर शोभना भरतिया की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, सिद्धार्थ लुथरा, आरएन करंजावाला, संदीप कपूर, देवमल्य बनर्जी, विवेक सूरी, एएस अमन, वीर इन्दरपाल सिंह संधु, मनीष शर्मा, अविरल कपूर, करण सेठ, आई खालिद, माणिक करंजावाला, कार्तिक भटनागर, रेस्पोन्डेन्ट नं. 1 बिहार सरकार की ओर से विद्वान अधिवक्ता ईसी विद्यासागर और मनीष कुमार और रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद (मुंगेर, बिहार)। शकील अहमद, प्रत्युष प्रातीक, उत्कर्ष पांडेय और राजकिशोर चौधरी (एओआर) ने भाग लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने शोभना भरतिया और बिहार सरकार को बहस में अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया। इस बीच बिहार सरकार ने अचानक दैनिक हिन्दुस्तान के कथित अवैध मुंगेर संस्करण सहित अन्य जिला बार संस्करणों में सरकारी विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगाई दी।
अठारह जनवरी (2018) को बहस की निर्धारित तिथि पर पीटिशनर शोभना भरतिया और बिहार सरकार के विद्वान अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है और कोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी प्रकट की है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को पारित अपने आदेश में अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है।
सुनवाई की अगली तारीख 16 अप्रैल
श्रीकृष्ण प्रसाद [अधिवक्ता]। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च 2018 को एक ऐतिहासिक आदेश में मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्ज लिमिटेड की चेयरपर्सन व पूर्व कांग्रेस सांसद शोभना भरतिया को सवा लाख रुपये की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया है। मेसर्स हिन्दुस्तान मीडिया वेन्चर्ज लिमिटेड कंपनी देशभर में हिंदी समाचार दैनिक हिन्दुस्तान का प्रकाशन करती है ।
हर्जाना-राशि से एक लाख रुपये नई दिल्ली के अरूणा आसिफ अली मार्ग, 1811, स्थित वार विडोज एसोसिएशन (शहीदों की विधवाओं की संस्था) और पच्चीस हजार रुपये रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा को भुगतान करने का आदेश पीटिशनर शोभना भरतिया को कोर्ट ने दिया।
सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज जे चेलामेश्वर और माननीय जज संजय किशन कौल की पीठ ने 16 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश सुनाया और सुनवाई की अगली तारीख 18 अप्रैल निर्धारित की।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च को पारित अपने आदेश में लिखा है कि ‘कोर्ट अनुभव करता है कि स्पेशललीव पीटिशन (क्रिमिनल) 1603/2013 , जो अब क्रिमिनल अपील नं. 1216/2017 है, में पीटिशनर को अपने वरीय अधिवक्ता की अनुपस्थिति में बहस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थीं, इसलिए कोर्ट रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की क्षतिपूर्ति के लिए पीटिशनर शोभना भरतिया को सवा लाख रुपये की हर्जाना राशि के भुगतान का आदेश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे लिखा है कि ‘गत 18 जनवरी 2018 को भी न्यायालय में बहस इसलिए स्थगित कर दी गई थीं, क्योंकि पीटिशनर शोभना भरतिया के विद्वान वरीय अधिवक्ता न्यायालय में अनुपस्थित थे। रेस्पोन्डेन्ट नं. 02 के विद्वान वरीय अधिवक्ता (श्रीकृष्ण प्रसाद) ने न्यायालय से प्रार्थना की थीं कि मुकदमे का निबटारा त्वरित होना चाहिए। न्याय का तकाजा था कि कोर्ट ने पीटिशनर शोभना भरतिया और रेस्पोन्डेन्ट नं. 01 बिहार सरकार को न्यायालय में अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 14 मार्च 2018 की अगली सुनवाई तिथि निर्धारित की थीं ।
रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय से बहस में हिस्सा न लेने के लिए पीटिशनर शोभना भरतिया पर बड़ा हर्जाना लगाने और उनका और बिहार सरकार का पक्ष सुन लेने की प्रार्थना की। अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने कोर्ट को सूचित किया कि पीटिशनर इस मुकदमे में सुनवाई से कतरा रही है और रेस्पोन्डेन्ट नं. 02 मन्टू शर्मा के अधिवक्ता नई दिल्ली से लगभग दो हजार किलोमीटर दूर बिहार के मुंगेर जिला मुख्यालय से हर तिथि पर सुप्रीम कोर्ट में विगत पांच वर्षों से कोर्ट की कार्रवाई में हिस्सा लेते आ रहे हैं और सुनवाई लगातार टलती जा रही है ।
जिन विद्वान अधिवक्ताओं ने 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में बहस में हिस्सा लियाः सुप्रीम कोर्ट में 16 मार्च को बहस के दौरान पीटिशनर शोभना भरतिया की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, रंजीत कुमार, सिद्धार्थ लुथरा, आरएन करंजावाला, संदीप कपूर, देवमल्य बनर्जी, विवेक सूरी, एएस अमन, वीर इन्दरपाल सिंह संधु, मनीष शर्मा, अविरल कपूर, करण सेठ, आई खालिद, माणिक करंजावाला, कार्तिक भटनागर, रेस्पोन्डेन्ट नं. 1 बिहार सरकार की ओर से विद्वान अधिवक्ता ईसी विद्यासागर और मनीष कुमार और रेस्पोन्डेन्ट नं. 2 मन्टू शर्मा की ओर से विद्वान वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद (मुंगेर, बिहार)। शकील अहमद, प्रत्युष प्रातीक, उत्कर्ष पांडेय और राजकिशोर चौधरी (एओआर) ने भाग लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने शोभना भरतिया और बिहार सरकार को बहस में अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया। इस बीच बिहार सरकार ने अचानक दैनिक हिन्दुस्तान के कथित अवैध मुंगेर संस्करण सहित अन्य जिला बार संस्करणों में सरकारी विज्ञापनों के प्रकाशन पर रोक लगाई दी।
अठारह जनवरी (2018) को बहस की निर्धारित तिथि पर पीटिशनर शोभना भरतिया और बिहार सरकार के विद्वान अधिवक्ताओं की अनुपस्थिति को सुप्रीम कोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है और कोर्ट ने अपनी गहरी नाराजगी प्रकट की है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को पारित अपने आदेश में अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया है।
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