कोबरापोस्ट का ख़ुलासा, पैसे के एवज़ में ख़बरें छापने को राज़ी दिखे देश के कई मीडिया हाउस
अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाले कोबरापोस्ट के हालिया खुलासे ने देश के मीडिया जगत की पोल खोल कर रख दी है. ख़ुफ़िया कैमरे की मदद से किए गए कोबरापोस्ट के ‘‘ऑपरेशन 136’’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने को राज़ी होते नज़र आ रहे हैं.
कोबरापोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ का अभी पहला भाग जारी किया है जिसमें कुल 16 मीडिया संस्थानों के नाम सामने आए हैं. इनमें दैनिक जागरण, पंजाब केसरी, अमर उजाला, इंडिया टीवी, सब नेटवर्क, डीएनए (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) और यूएनआई जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इनके अलावा स्कूप व्हूप, रेडिफ डॉट कॉम, 9एक्स टशन, समाचार प्लस, एचएनएन लाइव 24×7, स्वतंत्र भारत, इंडिया वॉच, आज हिंदी डेली, साधना प्राइम न्यूज को भी सौदेबाजी में लिप्त पाया गया है. इन सभी मीडिया संस्थानों से जुड़े बड़े पदों पर काबिज लोगों की बातचीत के अंश खुफिया ऑपरेशन में दिखाए गए हैं.
कोबरापोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ के नाम से किए गए स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से मीडिया जगत के उस स्याह पक्ष का पर्दाफाश किया है जहां कहा जाता है कि पैसों के लिए देश का मीडिया अपनी आवाज और कलम का भी सौदा कर सकता है. कुछ संस्थानों के मालिकों और कर्मचारियों ने बताया कि वे स्वयं संघ से जुड़े रहे हैं और हिंदुत्ववादी विचारधारा से प्रभावित हैं लिहाजा उन्हें इस अभियान पर काम करने में खुशी होगी.
देशभर में आंदोलन करने वाले किसानों को माओवादियों द्वारा उकसाए हुए बताकर सरकार की नीतियों का महिमामंडन करने के लिए भी ये सहमत हो गए. तो वहीं, न्यायपालिका के फैसलों पर प्रश्नचिन्ह लगाकर लोगों के सामने पेश करने में भी इनको कोई गुरेज़ नहीं था. साथ ही, विपक्ष और विपक्षी दलों के बड़े नेताओं का दुष्प्रचार करके चरित्र हनन करने और उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाकर उनकी छवि को धूमिल करके सत्तारूढ़ दल के पक्ष में माहौल बनाने की सौदेबाजी का भी खुलासा हुआ है. यहां तक की सत्ताधारी पार्टी के लिए इन लोगों ने पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को दांव पर रखते हुए नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ खबरें बनाने पर भी अपनी रजामंदी जाहिर की.
कोबरापोस्ट के लिए पूरी तहकीकात पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्रीमद् भगवत् गीता प्रचार समिति, उज्जैन का प्रचारक बनकर और खुद का नाम आचार्य छत्रपाल अटल बताकर की. इस दौरान देश के करीब तीन दर्जन बड़े मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की और एक खास तरह का मीडिया कैंपेन चलवाने के लिए 6 से 50 करोड़ रुपये तक का अपना बजट बताया।
(साभार: द वायर)
खबर का लिंक - http://thewirehindi.com/38449/cobra-post-operation-136-alleges-paid-news-agenda-by-indian-media/
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