आज 10 जुलाई यानि सावन के पहले सोमवार को एक शुभ समाचार आ रहा है। आज पत्रिका के मालिक गुलाब कोठारी और उनके ख़ास सिपहसालारों की हार की शुरूआत हो गई है।
पत्रिका के मालिकों के खिलाफ जब कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के केस लगाये तो पत्रिका प्रबन्धन ने उन कर्मचारियों को टर्मिनेट-ट्रान्सफर करना शुरू कर दिया। टर्मिनेशन-ट्रान्सफर के खिलाफ कर्मचारी लेबर कोर्ट गए। उन टर्मिनेट कर्मचारियों में से मेरे एक साथी जितेंद्र जाट भी थे जिन्होंने ग्वालियर लेबर कोर्ट में टर्मिनेशन को चुनौती दी जिसका फैसला आज आ गया जिसमें जितेंद्र जाट की जीत और पत्रिका मालिकों की करारी हार हुई। लेबर कोर्ट ने पत्रकार जितेंद्र जाट को बहाल करने के आदेश पत्रिका को दिए।
यह पत्रिका के हार की शुरुआत है।
(विजय शर्मा के fb वॉल से साभार)
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