मुंबई सहित झारखंड के कुछ साथियों ने
बताया कि वे जिस अखबार में काम करते थे वहां खूब बिजनेस देते थे, मगर विज्ञापन प्रबंधक ने केबिन में बुलाकर जबरन इस्तीफा लिखवा लिया और कहा कि मेरे ऊपर काफी दबाव है। कमोबेश हर जगह
यही स्थिति है।
आपको बता दें कि मार्केटिंग विभाग को
अखबार का सबसे कमाऊ विभाग माना जाता है, लेकिन अखबार मालिक आखिर अपने इस कमाऊ
पूत को क्यों निकाल रहे हैं, इसकी वजह क्या है। इसपर खोजबीन की गई
तो पता चला की अखबार मालिक मार्केटिंग के कुछ लोगों को निकालकर दूसरों का टारगेट बढ़ाने की योजना
बना रहे हैं ताकि खर्च कम हो और माल ज्यादा आए और टारगेट के खौफ से कर्मचारी भाग जाए तो उतने ही वेतन पर दो नए कर्मचारी को लाया
जाए और जो आएं उन्हें नई कंपनी में या
प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए ज्वाइन कराया जाए ताकि वे मजीठिया ना मांग सकें।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई
एक्सपर्ट 9322411335
मजीठिया: ट्रिब्यून
के वेतनमान में भी है लोचा http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2017/01/blog-post_62.html
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