देश भर के मीडियाकर्मियों में खुशी की
लहर , एडवोकेट उमेश शर्मा ने भी सुप्रीमकोर्ट के इस कदम का किया स्वागत
जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले की
लड़ाई लड़ रहे देश भर के मीडियाकर्मियों के पक्ष में माननीय सुप्रीमकोर्ट ने एक और
बड़ा कदम उठाया है। प्रबंधन के खिलाफ जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सुप्रीमकोर्ट में
लड़ाई लड़ रहे प्रभातखबर के झारखंड के रांचि के व्यूरोचीफ मिथिलेश कुमार का प्रबंधन
ने तबादला कर दिया तो मिथिलेश कुमार ने सीधे सुप्रीमकोर्ट में अपने एडवोकेट दिनेश
तिवारी के जरिये गुहार लगा दी। इस मामले में मजीठिया वेज बोर्ड की सुनवाई कर रहे
सुप्रीमकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश रंजन गोगोई और नागेश्वर राव की खंड पीठ ने
मिथिलेश कुमार के पक्ष में कदम उठाते हुये उनके ट्रांसफर पर रोक लगा दिया। आपको
बतादें कि रंजन गोगोई जी ही जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अवमानना मामने की सुनवाई
कर रहे हैं। अवमानना मामले की भी
स्टेआर्डर में चर्चा है। इस स्टे के बाद
से ना सिर्फ प्रभातखबर बल्की सभी अखबारों के पत्रकारों के चेहरे खिल गये हैं।
प्रभात खबर के आरा ब्यूरो चीफ मिथिलेश कुमार का तबादला प्रभात खबर के चीफ ह्यूमन
रिसोर्स आफिसर्स श्री अंजय शर्मा द्वारा चाईबासा कर दिया गया था। मिथिलेश कुमार ने
तबादले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने उनके तबादले
पर स्थगन आदेश जारी करते हुए नयी जिम्मेदारी सौंपने पर रोक लगा दी। साथ ही मिथिलेश
कुमार के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट पीटिशन को अन्य कर्मचारियों के मामले
के साथ शामिल करते हुए निर्धारित 10 जनवरी 2017 को सुनवाई की जाएगी। उधर इस मामले
में देश भर के पत्रकारों के पक्ष में जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सुप्रीमकोर्ट
में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट उमेश शर्मा ने अपनी पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये
कहा है कि इस फैसले से देश भर के उन सभी मीडियाकर्मियो को फायदा होगा जिनको
मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मांगने और क्लेम करने के कारण प्रबंधन अपना निशाना बनाकर
ट्रांसफर कर रहा है। उमेश शर्मा ने कहा है कि वे इस मामले का फैक्ट क्या है अभी वे
देख रहे हैं। लेकिन वाकई ये सुप्रीमकोर्ट का बहुत बढिया कदम है और इससे अखबार
मालिक अपनी मनमानी बंद करेंगे।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आर टी आई एक्टिविस्ट
9322411335
लोकमत
प्रबंधन को मात देने वाले महेश साकुरे के पक्ष में आए विभिन्न अदालतों के आदेशों
को करें डाउनलोड http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/07/blog-post.html
पढ़े-
हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17F: 20जे की आड़ में अवमानना से नहीं बच सकते http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/01/16f-20.html
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