साथियों, आपमें से अभी भी कई साथी 20जे को लेकर शंकित है। हम एक बार फिर से
आपको स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि 20जे कहीं से भी मजीठिया वेजबोर्ड की
सिफारिशों के अनुसार न्यूनतम वेतनमान प्राप्त करने के आपके हक के आड़े नहीं आ रहा
है। आपको यह मालूम होना चाहिए कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 आपके न्यूनतम
वेतनमान के हक की पूर्णता रक्षा करता है और एक्ट हमेशा वेजबोर्ड से ऊपर होता है, क्योंकि वेजबोर्ड का गठन एक्ट के अंतर्गत् ही होता है, यानि वेजबोर्ड की कोई भी सिफारिश एक्ट से ऊपर नहीं हो सकती।
वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 13 में स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी
कर्मचारी का वेतन वेजबोर्ड द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान से किसी भी दशा में कम नहीं
होगा। धारा 13 को पढ़कर आप खुद इस बात को समझ जाएंगे।
[Sec. 13- Working journalists entitled to wages at rates not less than those
specified in the order - On the coming into operation of an order of the Central
Government under section 12, every working
journalist shall be entitled to be paid by his employer wages at the rate which
shall in no case be less than the rate of wages specified in the order.]
[धारा 13 श्रमजीवी पत्रकारों का आदेश में विनिर्दिष्ट दरों से अन्यून
दरों पर मजदूरी का हकदार होना-- धारा 12 के अधीन
केंद्रीय सरकार के आदेश के प्रवर्तन में आने पर, प्रत्येक श्रमजीवी पत्रकार इस बात का हकदार होगा कि उसे उसके नियोजक
द्वारा उस दर पर मजदूरी दी जाए जो आदेश में विनिर्दिष्ट मजदूरी की दर से किसी भी
दशा में कम न होगी।]।
वहीं, 20जे आखिर किनने के लिए है यह आप धारा 16 पढ़कर समझ सकते हैं। धारा
16 स्पष्ट करती है कि यदि आप किसी भी वेजबोर्ड में निर्धारित न्यूनतम वेतनमान से
ज्यादा वेतन प्राप्त कर रहे हैं तो यह आपके उस ज्यादा वेतन को प्राप्त करने के
अधिकार की रक्षा करता है। यानि कोई भी करार आपको ज्यादा से ज्यादा फायदा देने के
लिए हो सकता है, नाकि आपको न्यूनतम वेतनमान से वंचित
करने के लिए।
Sec 16. Effect of laws and agreements
inconsistent with this Act.-- (1) The provisions of this Act shall have effect notwithstanding
anything inconsistent therewith contained in any other law or in the terms of
any award, agreement or contract of service, whether made before or after the
commencement of this Act:
Provided that where under any such award, agreement, contract of
service or otherwise, a newspaper employee is entitled to benefits in respect
of any matter which are more favourable to him than those to which he would be
entitled under this Act, the newspaper employee shall continue to be entitled
to the more favourable benefits in respect of that matter, notwithstanding that
he receives benefits in respect of other matters under this Act.
(2) Nothing contained in this Act shall
be construed to preclude any newspaper employee from entering into an agreement
with an employer for granting him rights or privileges in respect of any matter
which are more favourable to him than those to which he would be entitled under
this Act.
धारा 16- इस अधिनियम से असंगत विधियों और
करारों का प्रभाव-- (1) इस अधिनियम के
उपबन्ध, किसी अन्य विधि में या इस अधिनियम के
प्रारम्भ से पूर्व या पश्चात् किए गए किसी अधिनिर्णय, करार या सेवा संविदा के निबंधनों में अन्तर्विष्ट उससे असंगत
किसी बात के होते हुए भी, प्रभावी होंगे :
परन्तु जहां समाचारपत्र कर्मचारी ऐसे
किसी अधिनिर्णय, करार या सेवा संविदा के अधीन या अन्यथा, किसी विषय के संबंध में ऐसे फायदों का हकदार है जो उसके लिए उनसे
अधिक अनुकूल है जिनका वह इस अधिनियम के अधीन हकदार है तो वह समाचारपत्र कर्मचारी उस
विषय के संबंध में उन अधिक अनुकूल फायदों का इस बात के होते हुए भी हकदार बना
रहेगा कि वह अन्य विषयों के संबंध में फायदे इस अधिनियम के अधीन प्राप्त करता
है।
(2) इस अधिनियम की किसी बात का यह
अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी समाचारपत्र कर्मचारी को किसी विषय के संबंध में
उसके ऐसे अधिकार या विशेषाधिकार जो उसके लिए उनसे अधिक अनुकूल है जिनका वह इस
अधिनियम के अधीन हकदार है, अनुदत्त कराने के लिए किसी नियोजक के
साथ कोई करार करने से रोकती है।
वहीं, धारा 16क. वेजबोर्ड लागू करने के विवाद या एरियर विवाद के चलते संस्थान
द्वारा आपको पदच्युत या सेवामुक्त या छंटनी करने से रोकती है।
[16A. Employer not to dismiss, discharge, etc. newspaper employees.-- No employer in
relation to a newspaper establishment shall, by reason of his liability for
payment of wages to newspaper employees at the rates specified in an order of
the Central Government under section 12, or under section
12 read with section 13AA or section 13DD, dismiss,
discharge or retrench any newspaper employee.]
[धारा 16क. नियोजक द्वारा समाचारपत्र कर्मचारियों को पदच्युत, सेवोन्मुक्त, आदि न किया जाना-- किसी समाचारपत्र स्थापन के संबंध में
कोई नियोजक, धारा 12 के अधीन या धारा 13कक या धारा
13घ घ के साथ पठित धारा 12 के अधीन केन्द्रीय सरकार के किसी आदेश में विनिर्दिष्ट
समाचारपत्र कर्मचारियों को मजदूरी के संदाय के अपने दायित्व के कारण, किसी समाचारपत्र कर्मचारी को पदच्युत या सेवोन्मुक्त नहीं करेगा
या उसकी छंटनी नहीं करेगा।]
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