Saturday, 28 November 2015

जागरण कर्मी बोतल से बाहर निकालेंगे बछावत और मणिसाणा का जिन्‍न

जागरण प्रबंधन के अड़ियल रुख से खफा बर्खास्‍त व निबंलित जागरण कर्मी अब मजीठिया के बाद बछावत और मणिसाणा का जिन्‍न भी बोतल से बाहर निकालने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए उन्‍होंने रिटायर कर्मियों और जागरण छोड़कर दूसरे संस्‍थानों में जा चुके अपने साथियों से संपर्क साधना शुरु कर दिया है। जल्‍द ही इन साथियों के एरियर निकालने के बाद इनके दावे संबंधित डीएलसी कार्यालयों में पेश किए जाएंगे।

क्‍योंकि 1955 का जर्नलिस्‍ट एक्‍ट इस बात को सुनिश्‍चित करता है कि वेजबोर्ड के अनुसार ही कर्मचारियों का वेतन हो। कोई भी संस्‍थान उसकी सिफारिशों से कम वेतन नहीं दे सकता। यदि कोई संस्‍थान ऐसा करता है तो वह इस एक्‍ट का उल्‍लंघन कर रहा है। इस दौरान ऐसा कोई भी समझौता जो वेजबोर्ड से कम वेतन देने की बात कहता है, वह अमान्‍य और गलत है। जागरण प्रबंधन अभी तक आए सभी वेजबोर्ड का बखूबी उल्‍लंघन करता आ रहा है। यह उसकी वेतन पर्ची दर्शाती है।

Saturday, 21 November 2015

हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-16C: दैनिक जागरण के तीन कर्मियों ने किया 1 करोड़ 10 लाख रुपये से ऊपर का दावा

हाल ही में दैनिक जागरण के तीन कर्मचारियों ने मजीठिया के हिसाब से दिल्‍ली में एक करोड़ 10 लाख रुपये से ऊपर की रिकवरी फाइल की है। इसमें 1 जनवरी 2008 से 10 नवंबर 2011 तक के कार्यकाल की अंतरिम राहत भी शामिल है। उनकी रिकवरी फाइल को डीएलसी ने आगे बढ़ा दिया है। इस बात से जागरण कर्मी खुश और उत्‍साहित हैं। वे सब भी जल्‍द रिकवरी फाइल करने वाले हैं। इनमें से दो फोटोग्राफर और एक सिस्‍टम इंजीनियर है। जिनमें से एक ने लगभग 40 लाख रुपये से ऊपर का दावा पेश किया है।
इससे पहले,  जागरण से ही संबंधित नई दुनिया के दिल्‍ली कार्यकाल में मुख्‍य उप संपादक पद पर कार्यरत एक साथी ने भी लगभग 12 लाख रुपये की रिकवरी फाइल की थी। जोकि अब निर्णायक प्रक्रिया पर है। 
इधर, पिछले दिनों एक खबर नागपुर स्थित लोकमत अखबार से आई जिससे भी बर्खास्‍त और निलंबित जागरण कर्मियों का मनोबल और ऊंचा उठा है। लोकमत के बर्खाख्‍त एक कर्मचारी के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला देते हुए पालेकर, बछावत, मणिसाणा और मजीठिया के अनुसार 50 लाख रुपये एरियर देने का आदेश दिया है। साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उसकी नौकरी भी बहाल रखने का आदेश दिया है।



#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary

Thursday, 19 November 2015

मोदी के 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' को पलीता लगा रहा है दैनिक जागरण!


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्‍वच्‍छ भारत अभियान' में अपने आप को सबसे आगे दिखाने की होड़ में लगा दैनिक जागरण खुद इस अभियान को कैसे पलीता लगा रहा है इसका उदाहरण आप नोएडा में सेक्‍टर 62 स्थित इसकी इमारत में देख सकते हैं।
यहां पर दैनिक जागरण द्वारा निलंबित लगभग 200 कर्मियों की हाजिरी और घरेलू जांच कार्रवाई चल रही है। निलंबित कर्मियों द्वारा कहे जाने पर भी उन्‍हें इमारत के भीतर शौचालय की सुविधा उपलब्‍ध नहीं करवाई जा रही है। जिस कारण मजबूरन जागरण के निलंबित कर्मियों को खुले में निवृत्‍त होना पड़ रहा है। यह फोटो इसका जीता-जागता उदाहरण है।
इसके अलावा जागरण प्रबंधन कर्मियों को लगातार परेशान करने से बाज नहीं आ रहा है। निलंबित कर्मियों को जांच के नाम पर दोपहर को बुला लिया जाता है और देर रात को छोड़ा जाता है। उन्‍हें साप्‍ताहिक अवकाश के दिन जांच के नाम पर जबरन बुलाया जाता है। नि‍लंबित कर्मियों द्वारा दिए गए अवकाश के आवेदन को स्‍वीकार करने के लिए आनाकानी की जाती है।

एक गौर करने वाली बात यह भी है कि सभी निलंबित कर्मचारी पुरुष हैं, लेकिन जागरण प्रबंधन ने कई महिला सुरक्षागार्डों और स्‍टॉफ को यहां रखा है और लगातार इनकी संख्‍या बढ़ती जा रही है। यह जागरण प्रबंधन की गंदी साजिश भी हो सकती है। 12-13 मंजिला यह इमारत पूरी तरह से खाली पड़ी है और इसे केवल निलंबित कर्मियों की हाजिरी लगवाने और उनकी जांच के लिए ही इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

Wednesday, 18 November 2015

हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-16B: एरियर के साथ अंतरिम राहत का भी करें क्‍लेम

हममें से कई साथियों ने मजीठिया वेतनमान के अनुसार अपने एरियर के क्‍लेम उप श्रम आयुक्‍त या संबंधित अदालतों में लगा दिए हैं या लगाने जा रहे हैं। साथियों एरियर का क्‍लेम बनाते हुए आप अंतरिम राहत (30 प्रतिशत) को जोड़ना ना भूलें।
अंतरिम राहत 1 जनवरी 2008 से 10 नवंबर 2011 तक के कार्यकाल पर लागू होंगी। अंतरिम राहत की राशि पर आप 24 प्रतिशत तक का साधारण या सालाना चक्रवृद्वि ब्‍याज मांग सकते हैं। इसके अलावा चक्रवृद्वि ब्‍याज दर की गणना प्रतिदिन या महीने के अनुसार भी की जा सकती है।

कौन हैं हकदार

1.   जिन संस्‍थानों में मजीठिया लागू नहीं किया गया और अंतरिम राहत भी नहीं दी गई।

2.   जिन संस्‍थानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मजीठिया वेतनमान तो लागू कर दिया, परंतु वेजबोर्ड लागू करने से पहले अंतरिम राहत नहीं दी थी।


इस पर अधिक जानकारी के लिए आप वकील श्री परमानंद पांडेय जी और श्री आरपी यादव जी से भी संपर्क कर सकते हैं-

Advocate Parmanand Pandey ji  - 09868553507
Off: 011-23418871 (3.00 PM to 7.00 PM/Sunday Close)
parmanand.pandey@gmail.com
parmanandpandey@yahoo.com
ifwj.media@gmail.com

RP Yadav ji (ifwj) - 09810623949
rpyadav56@gmail.com


31 दिसंबर 2010 को समाचार एजेंसी भाषा द्वारा जारी किया गया समाचार-

पत्रकारों के वेतन में 65 फीसदी वृद्धि की सिफारिश
नई दिल्ली। पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड ने अखबारी और एजेंसी कर्मियों के लिए 65 प्रतिशत तक वेतन वृद्धि की सिफारिश की है तथा साथ में मूल वेतन का 40 प्रतिशत तक आवास भत्ता और 20 प्रतिशत तक परिवहन भत्ता देने का सुझाव दिया है।

न्यायमूर्ति जी आर मजीठिया के नेतृत्व वाले वेतन बोर्ड ने शुक्रवार को यह भी सिफारिश की कि नए वेतनमान जनवरी 2008 से लागू किए जाएं। बोर्ड ने पहले ही मूल वेतन का 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि के रूप में देने का ऐलान कर दिया था। मजीठिया ने केंद्रीय श्रम सचिव पी के चतुर्वेदी को रिपोर्ट सौंपी। चतुर्वेदी ने आश्वासन दिया कि सरकार इस रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद इसे जल्द से जल्द लागू कराने का प्रयास करेगी। बोर्ड ने 35 प्रतिशत वैरिएबल पे देने की सिफारिश की है। समाचार पत्र उद्योग के इतिहास में किसी वेतन बोर्ड ने इस तरह की सिफारिश पहली बार की है।

मजीठिया वेतन बोर्ड ने पत्रकारों और अन्य अखबारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ाकर 65 साल करने, महंगाई भत्ते के मूल वेतन में शत प्रतिशत न्यूट्रलाइजेशन और विवादों के निपटारे के लिए स्थायी न्यायाधिकरण बनाने की सिफारिश की है। न्यायमूर्ति मजीठिया ने संवाददाताओं से कहा कि इस बार की रिपोर्ट में सबसे निचले ग्रेड के लिए भी अच्छे वेतन की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि नए फार्मूले के अनुसार पत्रकार और गैर पत्रकार कर्मचारियों का मूल वेतन उसके वर्तमान मूल वेतन और डीए में, 30 प्रतिशत अंतरिम राहत राशि और 35 प्रतिशत वैरिएबल पे को जोडकर तय किया गया है। महंगाई भत्ता मूल वेतन में शत प्रतिशत 'न्यूट्रलाइजेशन' के साथ जुड़ेगा। ऐसा अब तक केवल सरकारी कर्मचारियों के मामले में होता आया है।

वेतन बोर्ड ने 60 करोड़ रुपये या इससे अधिक के सकल राजस्व वाली समाचार एजेंसियों को शीर्ष श्रेणी वाले समाचार पत्रों के साथ रखा है। इस प्रकार समाचार एजेंसी पीटीआई शीर्ष श्रेणी में जबकि यूएनआई दूसरी श्रेणी में रखी गई है। मजीठिया बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार आवास भत्ता एक्स श्रेणी के शहरों के लिए मूल वेतन का 40 प्रतिशत होगा, जो दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूर, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद, कानपुर, लखनऊ और नागपुर पर लागू होगा। वाई श्रेणी के शहरों के लिए यह मूल वेतन का 30 प्रतिशत होगा। वाई श्रेणी के शहरों में आगरा, अजमेर, अलीगढ़, इलाहाबाद, अमृतसर, बरेली, बीकानेर, भोपाल, भुवनेश्वर, कोयंबटूर, दुर्गापुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जमशेदपुर, कोच्चि, कोटा, मदुरै, मेरठ, पटना, पुणे, रायपुर, राजकोट, रांची, श्रीनगर, सूरत, तिरूवनंतपुरम, बड़ोदरा, वाराणसी, विशाखापट्टनम, मंगलौर, पुडुचेरी, धनबाद, देहरादून, जम्मू, जामनगर आदि शामिल हैं। शेष अन्य शहरों को जेड श्रेणी में रखा गया है, जहां के कर्मचारियों को एचआरए मूल वेतन का 20 प्रतिशत मिलेगा।

वेतन बोर्ड ने वार्षिक वेतन बढ़ोतरी की दर पहली से चौथी श्रेणी के लिए छह प्रतिशत, पांचवीं और छठीं के लिए पांच प्रतिशत, सात से नौ के लिए चार, दस से 11 के लिए तीन प्रतिशत तय की है। मजीठिया बोर्ड ने जनवरी 2008 में अंतरिम राहत घोषित की थी और इसी तारीख से कर्मियों को एरियर मिल सकेगा। इसके अलावा बोर्ड ने एक्स श्रेणी के शहरों के लिए 20 प्रतिशत परिवहन भत्ता, वाई श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत और जेड श्रेणी के लिए पांच प्रतिशत परिवहन भत्ता देने की सिफारिश की है।

बोर्ड ने रात्रि भत्तों में भारी बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए सौ रुपये, तीसरी और चौथी के लिए 75 रुपये तथा पांचवीं से 11श्रेणी के लिए 50 रुपये तय कर दिया है। इसके अलावा 1000 रुपये मासिक 'कठिनाई भत्ता' निर्धारित किया है। एलटीए दो साल में एक बार मिलेगा और मूल वेतन के बराबर होगा। बोर्ड ने मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी करते हुए इसे पहली और दूसरी श्रेणी के लिए 1000 रुपये मासिक, तीसरी और चौथी श्रेणी के लिए 500 रुपये मासिक किया है। जिन लोगों पर ईएसआई लागू है, वे ये भत्ता हासिल नहीं कर सकेंगे। बोर्ड ने एरियर का भुगतान तीन समान किस्तों में करने की सिफारिश की है।

इस बीच कांफेडरेशन आफ न्यूजपेपर एंड न्यूजएजेंसी इम्प्लाइज आर्गेनाइजेशन्स के महासचिव एम एस यादव ने कहा कि वेतन बोर्ड अध्यक्ष ने श्रमजीवी पत्रकार एवं अन्य कर्मचारी कानून में प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखते हुए बोर्ड सदस्यों को कई महत्वपूर्ण मसलों पर वोटिंग नहीं करने दिया लेकिन 'इस बात की खुशी है कि कई महत्वपूर्ण मांगों पर बोर्ड ने सकारात्मक फैसला लिया है और दीर्घकाल में इससे कर्मचारियों को फायदा होगा। रिटायरमेंट आयु बढ़ाना, वैरिएबल पे और परिवहन भत्ता इनमें से एक है।' कान्फेडरेशन में शामिल इंडियन जर्नलिस्टस यूनियन के अध्यक्ष सुरेश अखौरी, नेशनल यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स-आई के वरिष्ठ नेता डॉ. नंद किशोर त्रिखा, आल इंडिया न्यूजपेपर इम्प्लाइज फेडरेशन के महासचिव मदन तलवार, फेडरेशन आफ पीटीआई इम्प्लाइज यूनियन्स के अध्यक्ष जान सी गोन्जाल्विस, यूएनआई वर्कर्स यूनियन के नेता एम एल जोशी ने वेतन बोर्ड को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी।


#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary