जागरण कर्मियों की एकजुटता से घबराया हुआ प्रबंधन कितनी
गिरी हुई हरकत कर सकता है। इसका एक सटीक उदाहरण हाल ही में सामने आया है।
दैनिक जागरण ने दिल्ली यूनिट की रजत जयंती के अवसर पर 17 जुलाई की शाम को
संस्थान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। प्रबंधन के रवैये से नाराज ज्यादातर
कर्मियों ने इस कार्यक्रम का स्वेच्छा से बहिष्कार किया था। तब प्रबंधन ने
आननफानन में 25 साल पूरा कर
चुके कर्मियों को 1100 रुपये से सम्मानित
करने की घोषणा की। जिसे लेने के लिए भी कर्मी नहीं गए।
इसके अगले दिन इस पुरस्कार राशि को बांटने की जिम्मेदारी
लेखा विभाग को सौंप दी गई।
जागरण के एक साथी जिन्हें यह राशि मिलनी थी ने लेखा विभाग
के अधिकारी से फोन पर बातचीत के दौरान इसका सद्पयोग लंबे समय से टूटी ही टायलेट शीट को ठीक करवाने के लिए कर
दिया। उनके इस अनुरोध को अभद्र व्यवहार मानते हुए पसर्नल विभाग ने नोटिस जारी कर
दिया।
जागरण कर्मियों का कहना है कि यहां का शौचालय और उसकी
कैंटीन ही बयां कर दे देती है कि प्रबंधन उनका कितना ध्यान रखता है।
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