समझौते का खुलासा शुक्रवार को स्वयं न्यायाधीश ने फ्री प्रेस के अन्य कर्मचारी के प्रकरण में तारीख पर उपस्थित हुए पक्षकार के सामने करते हुए फ्री प्रेस प्रबंधन से कहा कि जब राजेश प्रजापत के मामले में समझौता हुआ है तो इस प्रकरण का भी निराकरण क्यों नहीं किया जाता है। ज्ञात हो कि इस समझौते के संबंध में हमारे व्दारा 6 माह पूर्व यह बताया गया था कि एक अखबार अपने कर्मचारी से मजीठिया का समझौता करने की तैयारी कर रहा है। वैसे समझौता कितने में हुआ यह अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि समझौते बतौर कर्मचारी राजेश प्रजापत को चेक फ्री प्रेस प्रबंधन ने दिए हैं।
इस संबंध में कानूनविदों का कहना है कि मजीठिया मामले में समझौता कर फ्री प्रेस प्रबंधन ने समझदारी का परिचय दिया है। मजीठिया मामले में जितने लेटलतीफी होगी उसका उतना अधिक ब्याज देने का प्रावधान है। अतः समझौता कर फ्री प्रेस प्रबंधन ने मजीठिया मामले में लाखों रुपये वकीलों को लुटाने के साथ ही ब्याज राशि से भी राहत पाई है।
दबंग दुनिया को नोटिस जारी
इधर, दबंग दुनिया अखबार प्रबंधन को मजीठिया केस में फैसला होने के बावजूद एक माह में तीन साथियों को राशि का भुगतान ना देने पर नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में स्पष्ट है कि लेबर कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने एक माह की अवधि पूर्ण होने के बावजूद मजीठिया वेतमान का पैसा जमा नहीं कराया है। अतः क्यों ना आपके खिलाफ आरआरसी की कार्रवाई की जाए। नोटिस में यह भी स्पष्ट किया है कि आरआरसी कार्रवाई में जो हरजाना व खर्च लगेगा उसे वहन करने की जिम्मेदारी आपकी होगी।
No comments:
Post a Comment