कामगार आयुक्त कार्यालय ने नहीं दिया है वेतन कटौती और 50 प्रतिशत कर्मचारियों से काम लेने का आदेश
महाराष्ट्र में पिछले एक साल से कोविड 19 और लॉक डाउन की गाइडलाइन के नाम पर अधिकांश अखबार मालिक और निजी कंपनियां तथा फैक्ट्री संचालक अपने -अपने कर्मचारियों का वेतन कटौती कर रहै हैं और कर्मचारियों को 15 दिन ही काम पर बुलाया जा रहा है।अधिकांश जगह कर्मचारियों को पिछले एक साल से ना के बराबर वेतन दिया जा रहा है या 15 दिन का वेतन दिया जा रहा है।अधिकांश अखबारों में मीडियाकर्मी परेशान हैं ।इस बारे में अखबार मालिक,फैक्ट्री संचालक या निजी संस्थान मालिकों से जब भी कोई वर्कर कुछ पूछने जाता है तो वे कहते हैं उनके पास सरकार का आदेश है कि लॉक डाउन के दौरान सिर्फ 50 प्रतिशत कर्मचारियों से ही काम लेना है और उन कर्मचारियों को जितने दिन वे काम करेंगे उतने दिन का ही वेतन उनको देना है ऐसा सरकारी आदेश है। मगर प्रबंधन द्वारा आदेश की कॉपी किसी कर्मचारी को दिखाई नहीं जाती है। महाराष्ट्र में निजी संस्थानों और अखबारों के अधिकांश कर्मचारियों के हो रहे आर्थिक शोषण पर मुम्बई के पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकान्त सिंह ने महाराष्ट्र के कामगार आयुक्त कार्यालय (बांद्रा पूर्व ,मुम्बई) में एक आर टी आई लगाकर 6 जनवरी 2021 को एक जानकारी मांगी कि क्या महाराष्ट्र सरकार या केंद्र सरकार ने ऐसा कोई जीआर या आदेश जारी किया है जिसमे निजी कंपनियों के कर्मचारियों को महीने में सिर्फ 15 दिन ही कार्य करना है और 15 दिन का वेतन ही कर्मचारियों को दिया जाएगा। अगर ऐसा कोई जीआर या आदेश हो तो उसकी प्रमाणित प्रति दें ।
आरटीआई से मांगी गई इस सूचना पर 3 फरवरी 2021 को महाराष्ट्र शासन के कामगार आयुक्त कार्यालय की राज्य जन माहिती अधिकारी तथा सरकारी कामगार अधिकारी (औ.स.),मुम्बई .श्रीमती सविता रा. धोत्रे ने लिखित रूप से सूचना उपलब्ध कराई है कि आपकी उक्त मांगी गई सूचना अधिकार के आवेदन के बाद इस कार्यासन में उपलब्ध अभिलेखों की पड़ताल की गई।आप द्वारा मांगी गई जानकारी से संबंधित कोई भी अभिलेख हमें नहीं मिला है। इसलिए हम आप द्वारा मांगी गई जानकारी नहीं दे रहे हैं ।हमारे पास ऐसा कोई अभिलेख नहीं है।
श्रीमती धोत्रे ने इस सूचना के बाद 12 फरवरी 2021 को शशिकान्त सिंह द्वारा लगाई गई एक अन्य आरटीआई के जवाब में जानकारी उपलब्ध कराई है कि आप द्वारा लॉक डाउन की अवधि में निजी संस्थानों में कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के बारे में शासन के निर्णय की प्रति देने का निवेदन किया गया है इस बारे में यह कहना है कि लॉक डाउन में केंद्र सरकार के गृह विभाग के माध्यम से लॉक डाउन के संबंध में अलग अलग आदेश निर्गमित किए गए हैं ।इस आदेश के आधार पर मुख्य सचिव उन -उन राज्यों को आदेश निर्गमित करते हैं। उसके बाद संबंधित जिलाधिकारी आपत्ति व्यवस्थापन कानून 2005 के तहत आदेश निर्गमित करते हैं। कामगार विभाग के माध्यम से कोविड 19 प्रादुर्भाव काल मे कारखानों के कामगारों की 50 प्रतिशत उपस्थिति बावत कोई भी शासन निर्णय/आदेश निर्गमित नहीं किया गया है। महाराष्ट्र शासन के कामगार आयुक्त कार्यालय की राज्य जन माहिती अधिकारी तथा सरकारी कामगार अधिकारी (औ.स.),मुम्बई .श्रीमती सविता रा. धोत्रे ने यह दूसरी सूचना लिखित रूप से 23 फरवरी 2021 को उपलब्ध कराई है।
शशिकान्त सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
9322411335