ब्याज के साथ एक महीने के भीतर बकाया देने का आदेश
गुजरात से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां दैनिक भास्कर में काम करने वाले 163 कर्मचारियों की लेबर कोर्ट से शानदार जीत हुई है। इन 163 कर्मचारियों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने बकाये का क्लेम गुजरात के लेबरकोर्ट में कर रखा था और सुनवाई के बाद लेबर कोर्ट ने इन सभी 163 कर्मचारियों के दावे को सही पाया और डीबी कार्प कंपनी को निर्देश दिया गया कि एक महीने के भीतर 8 प्रतिशत ब्याज सहित कर्मचारियों की बकाया राशि उन्हें दी जाए।
गुजरात के इन कर्मचारियों का मुकदमा लेबर कोर्ट में एडवोकेट प्रभाकर उपाध्याय, प्रफुल पटेल, आकाश मोदी और अन्य ने दायर किया था। जबकि कर्मचारियों के लीडर थे ओनिल गामडिया। ये कर्मचारी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक गए। इन कर्मचारियों ने सबसे पहले कामगार आयुक्त के पास अपना क्लेम लगाया और कर्मचारियों के पक्ष में रिकवरी सार्टिफिकेट जारी हुआ। इसी बीच कंपनी हाईकोर्ट यह कहते हुए चली गई कि मामला विवादित था इसलिए रिकवरी सार्टिफिकेट जारी करने का कामगार आयुक्त को अधिकार नहीं है। कंपनी के पक्ष में फैसला आया।
कर्मचारियों ने एक बार फिर से हाईकोर्ट में एलपीए लगाया जहां हाईकोर्ट के डबल बेंच ने इस मामले को लेबर कोर्ट में भेज दिया और स्पष्ट निर्देश दिया कि माननीय सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार 6 माह के अंदर इस पूरे मामले की सुनवाई की जाए। जहां माननीय न्यायाधीश परवेज अहमद मालवीय ने इस मामले को गंभीरता से सुना और कर्मचारियों के दावे को सही पाया और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आया।
अपनी इस शानदार जीत पर खुशी जताते हुए कर्मचारियों ने इस जीत के लिए भड़ास फार मीडिया और उसके मालिक यशवंत सिंह सहित मजीठिया क्रांतिकारी शशिकांत सिंह, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, रविंद्र अग्रवाल, सुधीर जगदाले और हरिओम शिवहरे तथा सभी मजीठिया क्रांतिकारियों का धन्यवाद दिया है। फिलहाल इस फैसले से देशभर के मजीठिया क्रांतिकारियों में खुशी की लहर है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५
#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
गुजरात से एक बड़ी खबर आ रही है। यहां दैनिक भास्कर में काम करने वाले 163 कर्मचारियों की लेबर कोर्ट से शानदार जीत हुई है। इन 163 कर्मचारियों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार अपने बकाये का क्लेम गुजरात के लेबरकोर्ट में कर रखा था और सुनवाई के बाद लेबर कोर्ट ने इन सभी 163 कर्मचारियों के दावे को सही पाया और डीबी कार्प कंपनी को निर्देश दिया गया कि एक महीने के भीतर 8 प्रतिशत ब्याज सहित कर्मचारियों की बकाया राशि उन्हें दी जाए।
गुजरात के इन कर्मचारियों का मुकदमा लेबर कोर्ट में एडवोकेट प्रभाकर उपाध्याय, प्रफुल पटेल, आकाश मोदी और अन्य ने दायर किया था। जबकि कर्मचारियों के लीडर थे ओनिल गामडिया। ये कर्मचारी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक गए। इन कर्मचारियों ने सबसे पहले कामगार आयुक्त के पास अपना क्लेम लगाया और कर्मचारियों के पक्ष में रिकवरी सार्टिफिकेट जारी हुआ। इसी बीच कंपनी हाईकोर्ट यह कहते हुए चली गई कि मामला विवादित था इसलिए रिकवरी सार्टिफिकेट जारी करने का कामगार आयुक्त को अधिकार नहीं है। कंपनी के पक्ष में फैसला आया।
कर्मचारियों ने एक बार फिर से हाईकोर्ट में एलपीए लगाया जहां हाईकोर्ट के डबल बेंच ने इस मामले को लेबर कोर्ट में भेज दिया और स्पष्ट निर्देश दिया कि माननीय सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार 6 माह के अंदर इस पूरे मामले की सुनवाई की जाए। जहां माननीय न्यायाधीश परवेज अहमद मालवीय ने इस मामले को गंभीरता से सुना और कर्मचारियों के दावे को सही पाया और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आया।
अपनी इस शानदार जीत पर खुशी जताते हुए कर्मचारियों ने इस जीत के लिए भड़ास फार मीडिया और उसके मालिक यशवंत सिंह सहित मजीठिया क्रांतिकारी शशिकांत सिंह, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, रविंद्र अग्रवाल, सुधीर जगदाले और हरिओम शिवहरे तथा सभी मजीठिया क्रांतिकारियों का धन्यवाद दिया है। फिलहाल इस फैसले से देशभर के मजीठिया क्रांतिकारियों में खुशी की लहर है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५
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