मुम्बई से एक बड़ी खबर आरही है।यहां मुम्बई के चर्चित हिंदी दैनिक नवभारत के नई मुम्बई में सानपाड़ा स्थित कार्यालय में निर्भीक कर्मचारी और मजीठिया क्रांतिकारी अरुण कुमार गुप्ता की शिकायत पर भविष्यनिधि (पी एफ़) अधिकारियों ने छापा मारा है।अरुण गुप्ता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए फेसबुक वॉल पर लिखा है।
प्रिय साथियों एक शुभ
समाचार
कल 11 अगस्त 2017को इंफोर्समेंट ऑफिसर प्रोविडेंट फंड वाशी डिवीजन में सानपाड़ा स्थित नवभारत कार्यालय का दौरा किया इस दौरान पीएफ ऑफिसर ने मेरे द्वारा पी एफ़ को लेकर की गई शिकायत पर ध्यान देते हुए प्रबंधन से सारे डाक्यूमेंट्स मंगवा कर देखें जिसमें मेरी शिकायत के अनुसार कम डिडक्शन वाली बात सामने आई क्योंकि नवभारत प्रबंधन 1997 से 2006 तक कई लोगों का पी एफ़ डिडक्शन किया ही नहीं है और 2006 से लेकर अगस्त 2014 तक मात्र ₹780 डिडक्शन करते आया है सितंबर 2014 से प्रबंधन ने 18 सौ रुपए निरीक्षण करना शुरू किया जबकि न्यूज़पेपर इंप्लाइज अंडर पैराग्राफ 80 आप EPF स्कीम 1952 के तहत मीडिया कर्मियों का पी एफ़ को लेकर कोई सीलिंग नहीं है लेकिन प्रबंधन ने लोगों को पी एफ़ अधिकारियों को अंधेरे में रखकर सीलिंग का हवाला देते हुए पहले तो ₹780 काटता रहा इसके बाद 18 सौ रुपए काटना शुरु किया अपने इंस्पेक्शन के दौरान जब पीएफ अधिकारी ने कहा कि मीडिया कर्मियों के लिए सीलिंग नहीं होता और उसका ग्रास सैलरी पर पी एफ़ कटना चाहिए तो प्रबंधन की ओर से बैठक में उपस्थित डीजीएम फाइनेंस श्री रोहित बंसल ने कहा कि हमें इस नियम की जानकारी नहीं है इस पर मैंने कहा कि आपको सरकार को चूना लगाते हुए 40000 प्रति छापकर 400000 दिखाकर डीएवीपी का रेट 112 रूपया स्क्वायर सेंटीमीटर लेने में तो कोई हिचक नहीं है कर्मचारियों को देने के लिए आपको नियम की जानकारी नहीं है यह तो आश्चर्य है साथियों पीएफ अधिकारी ने अपने दौरे का विवरण एक प्रति महाराष्ट्र मीडिया इंप्लाइज यूनियन के नवभारत इकाई के अध्यक्ष श्री केसर सिंह बिष्ट जी को सौंपी और एक प्रति प्रबंधन को दिया इसके बाद वासी के पी एफ़ अधिकारी ने कहा की फाइनल रिपोर्ट 1 सप्ताह में हेड ऑफिस बांद्रा और उसकी प्रति शिकायतकर्ता को भेज देंगे साथियों सैलरी के अनुसार सभी कर्मचारियों का 3:00 से लेकर 500000 रुपए का नुकसान हुआ है अब पी एफ़ विभाग की ओर से कार्रवाई के बाद सैलरी के अनुसार सबके पी एफ़ अकाउंट में उतना अमाउंट ब्याज के साथ प्रबंधन को डालना होगा।
माना जारहा है कि इस कार्रवाई से दूसरे मॉलिकों को भी अकल आएगी।
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