मात्र 6 माह में आया ऐतिहासिक फैसला
इंदौर के बाद खंडवा में मजीठिया मामले में एक पत्रकार को विजयश्री प्राप्त हुई है। खंडवा में मजीठिया मामले में विजयश्री प्राप्त करने वाले पहले पत्रकार पीयूष पंडित बने हैं। उनके पक्ष में माननीय न्यायालय ने 9.26000 रुपए का अवार्ड पारित किया है।
उक्त जानकारी देते हुए मजीठिया क्रांतिकारी धर्मेन्द्र हाडा ने बताया कि खंडवा के पीयूष पंडित ने बड़वानी में मजीठिया के बकाया वेतन के लिए कोर्ट में शरण ली थी। इस मामले में श्रम न्यायालय बड़वानी ने मजीठिया वेज बोर्ड के प्रकरण में पीयूष पंडित के पक्ष में अवॉर्ड पारित किया है। इस अवार्ड में विजश्री प्राप्त करने में वरिष्ठ अभिभाषक सूरज आर. वाडिया की अहम भूमिका रही है। वाडिया ने इंदौर से लगातार खंडवा के एडव्होकेट सोलंकी के सम्पर्क रहे। वाडिया ने पीयूष पंडित के ए़डव्होकेट सोलंकी को इंदौर से अपने तैयार किए दावे, बयान और क्रास की कापी उपलब्ध करवाई थी, जिसके आधार पर बड़वानी के माननीय श्रम न्यायालय ने पीयूष पंडित के मजीठिया वेतनमान के बकाया वेतन अंतर व अन्य लाभ के लिए 9,26000 रुपए का अवॉर्ड पारित करते हुए एक माह में संपूर्ण राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। इस केस में सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि पीयूष पंडित ने मात्र 6 माह में मजीठिया के केस में विजयश्री प्राप्त कर इतिहास रचा है। पूरी जानकारी अवॉर्ड की कॉपी प्राप्त होने के बाद के बाद आपके समक्ष आ जाएगी। हाडा शीघ्र कापी उपलब्ध कराएंगे। इस विजय पर बड़वानी के एडव्होकेट सोलंकी, इंदौर के वरिष्ठ अभिभाषक सूरज आर. वाडिया व पीयूष पंडित को मजीठिया क्रांतिकारियों ने बधाई दी है।