कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पेमेंट आनलाइन सीधे कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर करें और उसकी रसीद कोर्ट में पेश करें। इसके अलावा पत्रिका प्रबंधन को 25 हजार रुपये प्रति व्यक्ति (दस लोग) के हिसाब से कॉस्ट स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को 30 दिन में जमा कराने का भी आदेश दिया।
Friday, 21 February 2020
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पत्रिका पर साढ़े तीन लाख कास्ट लगाई
कोर्ट ने यह भी कहा कि यह पेमेंट आनलाइन सीधे कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर करें और उसकी रसीद कोर्ट में पेश करें। इसके अलावा पत्रिका प्रबंधन को 25 हजार रुपये प्रति व्यक्ति (दस लोग) के हिसाब से कॉस्ट स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को 30 दिन में जमा कराने का भी आदेश दिया।
Wednesday, 19 February 2020
प्लॉट के नाम पर पत्रकार को ठगने वाला गैंगस्टर प्रदीप राणा गिरफ्तार
गाजियाबाद, 20 फरवरी। प्लॉट के नाम पर दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार सचिन मिश्रा से साढ़े दस लाख रुपये की ठगी करने वाले गैंगस्टर प्रदीप राणा को बुधवार को गाजियाबाद में विययनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
साहिद पुत्र शौकत अली, निवासी विजयनगर, प्रदीप राणा व गौरव राणा पुत्रगण वीर सिंह, निवासी विजयनगर ने प्लॉट के नाम पर सचिन से फर्जीवाड़ा कर साढ़े दस लाख रुपये ठग लिए थे। ठगी करने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड साहिद था। प्लॉट दिखाने से लेकर रजिस्ट्री कराने में उसकी अहम भूमिका रही थी।
इनकी रही मिलीगत
साहिद, प्रदीप व गौरव ने मिलीभगत कर साढ़े दस लाख रुपये लेकर 21-02-2019 को सचिन मिश्रा की पत्नी रोहिणी मिश्रा के नाम पचास गज प्लॉट की रजिस्ट्री कराई थी। प्लॉट लक्ष्मीबाई नगर, डूंडाहेड़ा, विजयनगर, गाजियाबाद में स्थित है।
महेश ने रुकवाया काम
इधर, प्लॉट की रजिस्ट्री के बाद 23-02-2019 को जब सचिन प्लॉट की नींव भरवा रहे थे तो महेश पुत्र भूप सिंह, निवासी गोविंदपुरम मौके पर पहुंचकर काम रुकवा दिया था।
घटना के तीन माह बाद दर्ज हुई थी एफआइआर
इस संबंध में कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने सचिन की शिकायत पर घटना के तीन माह बाद 15 मई, 2019 को साहिद, गौरव, प्रदीप व महेश के खिलाफ गाजियाबाद के विजयनगर थाने में एफआईआर नंबर 461/2019 दर्ज की थी। पुलिस ने इस मामले में 21 जुलाई को साहिद को गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रदीप व गौरव को भी गिरफ्तार किया गया था।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा
अब तक की जांच-पड़ताल में पता चला है कि गौरव ने बुद्धपाल पुत्र रामबल, निवासी पर्थला (जोकि इस जमीन का पहले मालिक था) की जगह अपने सगे ससुर उमेश राठौर को खड़ा कर उसके नाम से खसरा नंबर 77, 14/1, 92/2, से 2500 वर्ग गज आवासीय प्लाट की दिनांक 15-10-2017 को फर्जी पावर ऑफ अटार्नी करा ली थी। इसी फर्जी पावर आफ अटार्नी से गौरव ने सचिन की पत्नी रोहिणी को 21-02-2019 को पचास वर्ग गज प्लाट की रजिस्ट्री करा दी थी। इसी तरह गौरव कई अन्य लोगों को भी इसी पावर आफ अटार्नी से रजिस्ट्री करा चुका है। बुद्धपाल के मुताबिक, उसने अपनी जमीन 2014 में ही बेच दी थी। जबकि उसके नाम से गौरव, प्रदीप व साहिद ने 2017 में फर्जी पावर ऑफ अटार्नी कराई है। इस संबंध में विजनगर थाने में बुद्धपाल ने उक्त आरोपियों के खिलाफ एफआईआर 2071/2018 भी दर्ज कराई थी।
अब तक कई लोगों से हुई ठगी
महेश भी साहिद, प्रदीप व गौरव से मिला हुआ है। यह गिरोह अब तक कई लोगों को प्लॉट के नाम ठग चुका है। इन पर हत्या, जानलेवा हमला व ठगी सहित कई मामले भी पहले से दर्ज हैं। सभी खूंखार अपराधी व भूमाफिया हैं।
Saturday, 15 February 2020
उत्तरजन टुडे ग्रामीण पत्रकारिता पुरस्कार के लिए करें आवेदन
-यह पुरस्कार महज उत्तराखंड के ग्रामीण पत्रकारों के लिए है
-आवेदन करने की अंतिम तारीख 2 मार्च 2020
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रही मासिक पत्रिका उत्तरजन टुडे ने चार साल पूरे कर लिए हैं। उत्तरजन टुडे हर साल तीन ग्रामीण पत्रकारों को पुरस्कृत करता है। इस बार भी प्रबंधन समिति ने उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों से पुरस्कार के लिए पत्रकारों से आवेदन मांगे हैं। कम से कम तीन साल की प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को ही पुरस्कार के योग्य माना जाएगा। इलेक्ट्रानिक या सोशल मीडिया से जुड़े पत्रकारों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक को अपने बायोडाटा के साथ प्रकाशित पांच बाईलाइन या लेख भेजने होंगे। अंतिम निर्णय प्रबंधन समिति का होगा।
आवेदन इस पते पर
उत्तरजन टुडे
15 क्रास रोड, देहरादून, उत्तराखंड
E-MAIL - uttarjan.today@gmail.com
gunanandnbt@gmail.com
Friday, 7 February 2020
MAJITHIA: DA point Nov 2011 to Dec 2019
DA = DA point/167
Nov 2011 to Dec 2011 - 17 point
Jan 2012 to June 2012 - 25 point
July 2012 to Dec 2012 - 33 point
Jan 2013 to June 2013 - 42 point
July 2013 to Dec 2013 - 54 point
Jan 2014 to June 2014 - 65 point
July 2014 to Dec 2014 - 73 point
Jan 2015 to June 2015 - 80 point
July 2015 to Dec 2015 - 87 point
Jan 2016 to June 2016 - 94 point
July 2016 to Dec 2016 – 102 point
Jan 2017 to June 2017 - 107 point
July 2017 to Dec 2017 – 110 point
Jan 2018 to June 2018 - 114 point
July 2018 to Dec 2018 – 120 point
Nov 2011 to Dec 2011 - 17 point
Jan 2019 to June 2019 – 128 point
July 2019 to Dec 2019 – 139 point
Calculation of DA…
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167
For other help contact...
Vinod Kohli ji – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union
Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in
Ravinder Aggarwal ji (HP) - 9816103265
ravi76agg@gmail.com
(patrakarkiawaaz@gmail.com)
#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
Calculation of DA…
हमें क्यों चाहिए मजीठिया: जानिए नवंबर 2011 से दिसंबर 2019 तक का डीए
साथियों, इस बार जनवरी 2019 से लेकर दिसंबर 2019 तक का डीए 139 प्वाइंट है। जो साथी एरियर की रिकवरी का दावा पेश करने की तैयारी कर रहे हैं उनकी मदद के लिए हम नवंबर 2011 से दिसंबर 2019 तक का डीए बता रहे हैं।
इसके अलावा जिन साथियों ने डीएलसी में दावा पेश किया था और अभी भी उसी कंपनी में कार्यरत हैं और उनके केस लेबर कोर्ट रेफर हो गए हैं ये उनके लिए आज तक की रिकवरी को अपडेट करने के लिए भी काम आएगा।
उदाहरण- रवि ने जनवरी 2019 में डीएलसी में रिकवरी लगाई थी। उसने मजीठिया के अनुसार अंतरिम राहत समेत दिसंबर 2018 तक क्लेम लगाया था। डीएलसी ने अक्टूबर 2019 में उसके केस को लेबर कोर्ट रेफर किया। रवि अभी भी उसी कंपनी में कार्यरत है इसलिए उसने नवंबर 2019 में रेफरेंस के आधार पर लेबर कोर्ट में केस दायर करने से पहले अपने दावे में 23 महीने यानि जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 तक का मजीठिया के अनुसार वेतन के अंतर को एरियर राशि को भी जोड़ा है।
(नोट- कुछ साथियों को लगता है कि एक बार आपने जो डीएलसी में क्लेम लगा दिया तो उसमें आप सुधार नहीं कर सकते। यह धारणा बिल्कुल गलत है। आप इसमें कभी भी सुधार कर सकते हैं और इसके लिए क्या करना होता है आपका वकील अच्छी तरह से जानता है।)
यह डीए सभी ग्रेडों के समाचार-पत्रों, मैग्जीनों और न्यूज एजेंसियों में किसी भी शहर में कार्यरत सभी कर्मचारियों पर एक समान ही लागू होगा और यह हर छह महीने बाद (जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर) बदल जाता है।
मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार इसका सही बेस प्वाइंट 167 है। आप कतई भी 185 या 189 के आधार पर इसकी गणना न करें, यह आपके लिए नुकसानदायक होगा।
(देखें मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिश का पेज नंबर अंग्रेजी में 20 और हिंदी में 18)
DA = DA point/167
नवंबर 2011 से दिसंबर 2011 - 17 point
जनवरी 2012 से जून 2012 - 25 point
जुलाई 2012 से दिसंबर 2012 - 33 point
जनवरी 2013 से जून 2013 - 42 point
जुलाई 2013 से दिसंबर 2013 - 54 point
जनवरी 2014 से जून 2014 - 65 point
जुलाई 2014 से दिसंबर 2014 - 73 point
जनवरी 2015 से जून 2015 - 80 point
जुलाई 2015 से दिसंबर 2015 - 87 point
जनवरी 2016 से जून 2016 - 94 point
जुलाई 2016 से दिसंबर 2016 - 102 point
जनवरी 2017 से जून 2017 - 107 point
जुलाई 2017 से दिसंबर 2017 - 110 point
जनवरी 2018 से जून 2018 - 114 point
जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 - 120 point
जनवरी 2019 से जून 2019 - 128 point
डीए की गणना इस तरह होगी-
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167
नोट- आप अपना एरियर किसी एकाउंटेंट से भी बनवा सकते हैं। एरियर का क्लेम करते हुए एरियर चार्ट पर किसी भी सीए की मोहर की जरुरत नहीं होती। बस इतना ध्यान रखें जो आपका एरियर बना रहा है वह मजीठिया की सिफारिशों को ढंग से समझ लें। नहीं तो आपकी गणना में कोई भी गलती आपकी एरियर राशि में मोटा नुकसान पहुंचा सकती है। इसके लिए आप समाचार पत्रों से रिटायर्ड एकाउंटेंटों की मदद भी ले सकते हैं। या आप अपने यहां की पत्रकारों की यूनियनों से मदद ले सकते हैं।
मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/vtzDMO
मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें हिंदी (सभी पेज) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें-https://goo.gl/8fOiVD
श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 (हिंदी-अंग्रेजी) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्न Path का प्रयोग करें-https://goo.gl/wdKXsB
पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-10: (ग्रेड ‘ए’ और ‘बी’) खुद निकालेंअपना एरियर और नया वेतनमान http://goo.gl/wWczMH
पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17: (ग्रेड ‘सी’ और ‘डी’) खुद निकालेंअपना एरियर और नया वेतनमान http://goo.gl/3GubWn
पढ़े- हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17D: सभी ग्रेड के साथी एरियर बनाते हुए इन बातों का रखें ध्यान http://goo.gl/Npp9Hp
यदि इसके बाद भी आपको कोई दिक्कत आ रही हो तो आप बेहिचक इनसे संपर्क कर सकते हैं।
Vinod Kohli ji – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union
Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in
Ravinder Aggarwal ji (HP) - 9816103265
ravi76agg@gmail.com
यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें। (patrakarkiawaaz@gmail.com)
#MajithiaWageBoardsSalary, MajithiaWageBoardsSalary, Majithia Wage Boards Salary
डीबी कॉर्प के अखबार दिव्य मराठी पर पत्रकारों का 3 करोड़ 7 लाख रुपये पीएफ का बकाया
औरंगाबाद। जोखिम लेकर और जान की परवाह किये बिना पत्रकारिता करने वाले प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश के अनुसार वेतन ना देने वाले दैनिक दिव्य मराठी को एक तरफ जहां लेबर कोर्ट से लगातार मूंह की खानी पड़ रही है वहीं अब केन्द्रीय भविष्य निधि कार्यालय (पीएफ कार्यालय) ने लगभग ३ करोड़ सात लाख ३४ हजार १६८ रुपये के बकाया की रिपोर्ट तैयार की है। दिव्य मराठी के उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले द्वारा वर्ष २०१७ में महाराष्टÑ के औरंगाबाद में पीएफ कार्यालय में की गयी एक शिकायत के आधार पर यह खुलाशा खुद केन्द्रीय भविष्य निधी कार्यालय महाराष्टÑ ने की है। यह तथ्य सामने आने के बाद केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने इस मामले में ७-ए इन्क्वायरी शुरू की है।
बताते हैं कि दैनिक दिव्य मराठी के उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले ने औरंगाबाद में पीएफ कार्यालय में शिकायत की थी कि दैनिक दिव्य मराठी नियमों के तहत पीएफ की कटौती नहीं करती है। शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू की गयी।
पीएफ आयुक्त ने 7-ए इंक्वायरी लॉन्च की जिसमें मजीठिया क्रांतिकारियों सूरज जोशी और विजय वाखड़े ने भी जांच में भाग लिया और अंत तक इस मामले में संघर्ष किया। और लड़ते रहे। बताते हैं कि दिव्य मराठी समाचार पत्र का प्रकाशन करने वाली कंपनी डी बी कार्प अपने पत्रकारों और गैर पत्रकारों की सेलरी स्लीप पर बेसिक, एच.आर ए, कन्वेश्य एलाऊंस, मेडिकल एलाउंस, एजुकेशनल एलाउंस , स्पेशन एलाउंस दिखाती है। कंपनी की ओर से सिर्फ बेसिक पर १२ प्रतिशत पीएफ कटौती किया जाता है। नियमानुसार स्पेशल एलाउंस पर भी १२ प्रतिशत पीएफ कटौती करनी चाहिये। सुधीर जगदाले ने इस मामले में माननीय सुप्रीमकोर्ट के एक आदेश का हवाला भी दिया। जिसमें सुप्रीमकोर्ट ने २८ फरवरी २०१९ को एक लैंडमार्क जजमेंट दिया था कि स्पेशल एलाउंस बेसिक का पार्ट है। इस वजह से दिव्य मराठी दैनिक पर 3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपये का बकाया निकला।
सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों को बकाया राशि मिलेगी
3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपये की बकाया राशि सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों को मिलेगी जो दिव्य मराठी में है। शिकायत सुधीर जगदाले द्वारा की गई थी, लेकिन इस बकाये राशिका लाभ सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों की बताई गई थी। जिन कर्मचारियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है, वे भी बकाया राशि के लिए पात्र होंगे।
तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद मिला न्याय
वर्ष 2017 में एक शिकायत पर शुरू हुई 7-ए जांच अब सामने आ रही है। लड़ाई करीब 3 साल से चल रही है। यह आगे भी जारी रहेगी। सुधीर जगदाले द्वारा की गई शिकायत के कुछ दिनों बाद, सूरज जोशी, विजय वानखेड़े भी मामले में कूद गए। इसके बाद, कई पत्रकारों / गैर-संवाददाताओं ने भी ईमेल के माध्यम से शिकायत की। फिलहाल सुधीर जगदाले कहते हैं मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिÞल मगर लोग साथ आए और कारवां बनता गया।
इस मामले में अधिक जानकारी के लिये मजीठिया क्रांतिकारी और निर्भीक पत्रकार सुधीर जगदाले से उनके मोबाईल नंबर ९९२३३५५९९९ पर संपर्क किया जा सकता है।
बताते हैं कि दैनिक दिव्य मराठी के उप समाचार संपादक सुधीर जगदाले ने औरंगाबाद में पीएफ कार्यालय में शिकायत की थी कि दैनिक दिव्य मराठी नियमों के तहत पीएफ की कटौती नहीं करती है। शिकायत के बाद इस मामले की जांच शुरू की गयी।
पीएफ आयुक्त ने 7-ए इंक्वायरी लॉन्च की जिसमें मजीठिया क्रांतिकारियों सूरज जोशी और विजय वाखड़े ने भी जांच में भाग लिया और अंत तक इस मामले में संघर्ष किया। और लड़ते रहे। बताते हैं कि दिव्य मराठी समाचार पत्र का प्रकाशन करने वाली कंपनी डी बी कार्प अपने पत्रकारों और गैर पत्रकारों की सेलरी स्लीप पर बेसिक, एच.आर ए, कन्वेश्य एलाऊंस, मेडिकल एलाउंस, एजुकेशनल एलाउंस , स्पेशन एलाउंस दिखाती है। कंपनी की ओर से सिर्फ बेसिक पर १२ प्रतिशत पीएफ कटौती किया जाता है। नियमानुसार स्पेशल एलाउंस पर भी १२ प्रतिशत पीएफ कटौती करनी चाहिये। सुधीर जगदाले ने इस मामले में माननीय सुप्रीमकोर्ट के एक आदेश का हवाला भी दिया। जिसमें सुप्रीमकोर्ट ने २८ फरवरी २०१९ को एक लैंडमार्क जजमेंट दिया था कि स्पेशल एलाउंस बेसिक का पार्ट है। इस वजह से दिव्य मराठी दैनिक पर 3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपये का बकाया निकला।
सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों को बकाया राशि मिलेगी
3 करोड़ 7 लाख 34 हजार 168 रुपये की बकाया राशि सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों को मिलेगी जो दिव्य मराठी में है। शिकायत सुधीर जगदाले द्वारा की गई थी, लेकिन इस बकाये राशिका लाभ सभी पत्रकारों / गैर-पत्रकारों की बताई गई थी। जिन कर्मचारियों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है, वे भी बकाया राशि के लिए पात्र होंगे।
तीन साल की लंबी लड़ाई के बाद मिला न्याय
वर्ष 2017 में एक शिकायत पर शुरू हुई 7-ए जांच अब सामने आ रही है। लड़ाई करीब 3 साल से चल रही है। यह आगे भी जारी रहेगी। सुधीर जगदाले द्वारा की गई शिकायत के कुछ दिनों बाद, सूरज जोशी, विजय वानखेड़े भी मामले में कूद गए। इसके बाद, कई पत्रकारों / गैर-संवाददाताओं ने भी ईमेल के माध्यम से शिकायत की। फिलहाल सुधीर जगदाले कहते हैं मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिÞल मगर लोग साथ आए और कारवां बनता गया।
इस मामले में अधिक जानकारी के लिये मजीठिया क्रांतिकारी और निर्भीक पत्रकार सुधीर जगदाले से उनके मोबाईल नंबर ९९२३३५५९९९ पर संपर्क किया जा सकता है।
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