Sunday, 17 July 2016

मजीठिया: 20जे तो याद, परंतु नई भर्ती को भूले, अवमानना तो हुई है

नई‍ दिल्‍ली। साथियों, ज्‍यादातर राज्‍यों की रिपोर्ट आ गई हैं। इनमें उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखंड की तरह कई राज्‍यों ने अखबार मालिकों को बचाने के लिए 20जे की आड़ देने की कोशिश की है। जिनमें दर्शाया गया है कि कर्मचारियों ने 20जे को अपनाया हुआ है और 20जे के तहत वहां मजीठिया वेजबोर्ड की अनुशंसाएं लागू हैं। परंतु उन राज्‍यों के श्रमअधिकारियों ने मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें लागू होने के बाद भर्ती होने वाले नए कर्मियों के वेतनभत्‍तों को लेकर कोई जांच नहीं की और न ही उन कर्मियों का कहीं कोई जिक्र किया।

यह रिपोर्ट एक तरह से सुप्रीम कोर्ट के आंखों में धूल झोंकने की तरह है। क्‍योंकि सिफारिशें लागू होने के बाद भर्ती होने वाले कर्मियों चाहें वे स्‍थायी हो या ठेके पर या अंशकालिक उनको भी न्‍यूनतम वेतनमान के अनुसार वेतन नहीं मिल रहा। वे भी न्‍यूनतम वेतनमान से कहीं कम पर काम कर रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तो अवमानना हुई ही है। बस अब इंतजार है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णायक फैसले का।

हम यहां उत्‍तराखंड की रिपोर्ट का उदाहरण दे रहे हैं जिसमें उसने दैनिक जागरण के संदर्भ में लिखा है- कर्मी 20जे में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार 3 सप्‍ताह के अंदर अपनी सहमति व्‍यक्‍त कर चुके हैं। जिसमें उनके द्वारा प्रतिष्‍ठान में पूर्व में लागू वेतन भत्‍तों को बनाए रखने का विकल्‍प दे दिया गया था। कर्मियों द्वारा प्राप्‍त किए जा रहे वेतन व मजीठिया वेजबोर्ड की संस्‍तुतियों में कोई विसंगति नहीं है। अत: मजीठिया वेजबोर्ड की अनुशंसा भारत सरकार की अधिसूचना के अनुरुप लागू है।




साथियों, आपको इस तरह की रिपोर्टों से परेशान होने की जरुरत नहीं है। राज्‍य सरकारों ने भले ही 20जे की आड़ में कुछ खास अखबारों को बचाने की कोशिश की हो। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आखिर न्‍याय की ही जीत होगी। सुप्रीम कोर्ट के 14 मार्च 2016 के आदेश से भी स्‍पष्‍ट होता है कि उसको इन तथ्‍यों की पूरी जानकारी है कि अखबार मालिक कैसे कर्मियों को मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशों से प्राप्‍त हक को छलपूर्ण तरीकों से वंचित रखना चाहते हैं और इसके लिए विभिन्‍न हथकंडे अपना रहे हैं। इसलिए उसने कर्मियों को लेबर कमिशनरों के पास जाने का निर्देश दिया था।

साथियों, हम एक बार फि‍र से आपको बता रहे हैं कि 20जे कहीं भी वेजबोर्ड की सिफारिशों के अनुसार न्‍यूनतम वेतनमान पाने के आपके हक के आड़े नहीं आ रहा है। क्‍योंकि वर्किंग जर्नलिस्‍ट एक्‍ट 1955 की धारा 13 में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि कर्मचारियों को आदेश में विनिर्दिष्‍ट मजदूरी की दर से किसी भी दशा में कम मजदूरी नहीं दी जा सकती हैं।
[धारा 13 श्रमजीवी पत्रकारों का आदेश में विनिर्दिष्‍ट दरों से अन्‍यून दरों पर मजदूरी का हकदार होना-- धारा 12 के अधीन केंद्रीय सरकार के आदेश के प्रवर्तन में आने पर, प्रत्‍येक श्रमजीवी पत्रकार इस बात का हकदार होगा कि उसे उसके नियोजक द्वारा उस दर पर मजदूरी दी जाए जो आदेश में विनिर्दिष्‍ट मजदूरी की दर से किसी भी दशा में कम न होगी।]।

साथियों, एक बात और एक्‍ट बड़ा होता है, नाकि वेजबोर्ड। क्‍योंकि एक्‍ट के द्वारा ही वेजबोर्ड का गठन होता है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को अब मात्र एक दिन बचा है। सुप्रीम कोर्ट दूध का दूध और पानी का पानी करेगा। इसी शुभकामना के साथ।
सत्‍यमेव जयते।

(दैनिक भास्‍कर के एक पत्रकार साथी से प्राप्‍त तथ्‍यों पर आधारित)






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यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें।(patrakarkiawaaz@gmail.com)


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Wednesday, 13 July 2016

MAJITHIA: Action Taken Report of Rajasthan speaks more about its inaction

Govt. of Rajasthan has yesterday filed ‘Action Taken Report’ on the implementation of the Majithia Wage Board Award in the Supreme Court. The State Government had earlier filed a status report, which contained the appointment of the Labour Inspectors and the submissions of employers and employees. In this report the State Government has informed that notices were issued to 893 newspaper establishments out of it 298 were daily newspapers, 220 weekly newspapers, 358 fortnightly newspapers and 17 monthly newspapers. As a matter of fact, this humongous exercise of the Public Relations Department has created more confusion than clarity with regard to the implementation by the newspaper owners and steps taken by the State Government to accelerate the implementation process.

Needless to state, that the major grievance has been mainly against two top newspapers of the state like, Rajasthan Patrika and Dainik Bhaskar. Their owners are the main culprits, who have been circumventing the implementation of the Award with every fair and foul means. These two newspapers have used every weapon in their armory to deny and deprive the wages and allowances to their employees. Employees have been threatened, oppressed, intimidated, harassed, victimized and illegally terminated for demanding the Majithia Award. The ‘Welfare State’ should have thrown its full weight behind the employees to bring the recalcitrant managements to kneels to get the Award implemented but nothing of the sort has been done. The State Government is content with simply initiating prosecution of the employers on the complaint of the employees, which is time consuming process. This process ultimately favours employers than employees, who do not have the capacity to sustain for long. Why, at all, the notices were issued to such a large number of establishments, is beyond any body’s comprehension.

The Action Taken Report also tells that the cases of 250 employees of Dainik Bhaskar have been referred to the Labour Court for the adjudication; out of it 34 employees have been already terminated from its Jaipur unit itself. Scores of employees from other units of the newspaper have also been terminated or transferred but there is no mention of it in the Action Taken Report.
Similarly, the cases of 190 employees of Rajasthan Patrika’s Jaipur unit have been referred to the Labour Court for adjudication. The report is silent about the pathetic condition of its employees at other publication centres.
In all, the ‘Action Taken Report’ has hardly revealed any action taken by the Government to ensure the implementation of the Award. The implementation is the responsibility of the State Government and, in all fairness; the minimum the Government could have done was to stop the advertisements of all such newspapers, which have failed to comply with the notification of the Award, upheld by the Hon’ble Supreme Court of India. Thus, in a way, the action of the government does not cover itself with any glory but it is also as dark and disappointing as those of the oppressive action of the newspaper proprietors.

Parmanand Pandey
Secretary General-IFWJ



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Monday, 11 July 2016

मजीठिया: वाह...!!! री उत्‍तराखंड सरकार... सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही कर दी जांच! एरियर व बर्खास्‍तगी के मामले गोल...!

नई‍ दिल्‍ली। उत्‍तर प्रदेश के बाद अब उत्‍तराखंड सरकार की रिपोर्ट भी सवालों के घेरे में आ गई है। 14 मार्च 2016 को सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद रिपोर्ट जमा करवाने वाले उत्‍तराखंड के श्रम अधिकारी तो जैसे त्रिकालदर्शी हैं। इसलिए उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट के 28 अप्रैल 2015 के आदेश आने के पहले ही दैनिक जागरण के देहरादून और हल्‍द्वानी स्थित यूनिटों में मजीठिया आयोग की सिफारिशों को लेकर 3 मार्च 2015 को ही जांच कर ली थी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2015 को सभी राज्‍यों से मजीठिया वेजबोर्ड की संस्‍तुतियों को लागू करने की रिपोर्ट मांगी थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 20 दिनों के भीतर ही 15 मई 2015 को अमर उजाला की यूनिट की जांच की गई।






इसको तो देखते हुए लगता है कि उत्‍तराखंड के श्रमअधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए कितने तत्‍पर हैं। परंतु सच्‍चाई तो यही लगती है कि उन्‍होंने अपना होमवर्क ढंग से नहीं किया और इस रिपोर्ट के माध्‍यम से कहीं न कहीं बड़े मीडिया घरानों को अवमानना के केस से बचाने की कोशिश है! गलतियों या मानवीय भूलों व लापरवाही से भरी इस रिपोर्ट में बर्खास्‍त कर्मियों व एरियर क्‍लेम करने वालों का कहीं जिक्र नहीं है। जबकि 14 मार्च 2016 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में भी रिपोर्ट मांगी थी। दिल्‍ली व राजस्‍थान की रिपोर्ट में इनका जिक्र किया गया है, तो उत्‍तराखंड की रिपोर्ट में क्‍यों नहीं।

बड़े मीडिया घरानों को बचाती हुई लग रही इस रिपोर्ट की कुछ खामियां इस तरह हैं-
1. जांच की सही तिथि क्‍या है, यदि यह 2016 में कई गई है तो जांच में इतनी देरी क्‍यों की गई। सुप्रीम कोर्ट के 28 अप्रैल के आदेश के अनुसार जांच रिपोर्ट समय से क्‍यों नहीं सौंपी गई। जब 14 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम चेतावनी देते हुए रिपोर्ट पेश न करने पर 11 राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को तलब करने का आदेश दिया, तो ही इसके बाद रिपोर्ट क्‍यों पेश की गई, इससे पहले नहीं पेश की जा सकती थी। (So far as the States of Uttar Pradesh(partial), Uttarakhand, Odisha, West Bengal, Telangana, Andhra Pradesh, Karnataka, Tamil Nadu, Kerala, Goa and Assam are concerned, we direct that the reports in terms of this Court's Order dated 28th April, 2015 be filed on or before the 5th July, 2016, failing which the Chief Secretaries of the States will appear in-person on 19th July, 2016. Objections, if any, to such reports as may be filed shall be brought on record on or before 12th July, 2016.)

2. 20जे की आड़ में बड़े मीडिया घरानों को बचाने की कोशिश! जबकि सही मायनों में 20जे कहीं भी मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार न्‍यूनतम वेतनमान प्राप्‍त करने के कर्मियों के अधिकार के आड़े नहीं आ सकता। क्‍योंकि पत्रकार के लिए बने विशेष एक्‍ट की धारा 13 व 16 पत्रकारों और गैर-पत्रकारों के न्‍यूनतम वेतन के अधिकार की रक्षा करती है। जिसकी श्रमअधिकारियों ने अनदेखी की और 14 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी लगता है ध्‍यान से नहीं पढ़ा।

3. 14 मार्च को दिए गए आदेश के संदर्भ में एरियर क्‍लेमों व बर्खास्‍तगी और उत्‍पीड़न के मामलों का कहीं कोई जिक्र नहीं।

4. 1 दिसंबर 2011 के बाद भर्ती कर्मियों को मजीठिया का लाभ मिल रहा है या नहीं इसका कहीं कोई जिक्र नहीं। (20 जे में केवल तीन सप्‍ताह यानि 11 नवंबर 2011 से 30 नवंबर 2011 तक के बीच का ही जिक्र है।) 

5. मजीठिया के अनुसार ठेके वाले व अंशकालिक कर्मियों का जिक्र नहीं।

6. ग्रेड को लेकर जांच में कमी। जागरण और अमर उजाला को ग्रेड 5 में दिखाना। इसके लिए इन्‍हें दिल्‍ली सरकार से सबक सिखाना चाहिए था जिसकी रिपोर्ट जागरण के सही टर्नओवर का जिक्र करते हुए उसे ग्रेड 1 का बताया गया है। तो क्‍यों नहीं उत्‍तराखंड के श्रमअधिकारियों द्वारा अपनी तरफ से कुछ प्रयास नहीं किए गए और रिपोर्ट में इनकी सही ग्रेडिंग यानि  क्रमश: 1 और 2 क्‍यों नहीं दर्शाया गया। जैसा की आपको पहले भी जानकारी दी गई है वेजबोर्ड व जर्नलिस्‍ट एक्‍ट के अनुसार एक ही ग्रुप की कन्‍याकुमारी से लेकर कश्‍मीर तक सभी यूनिटों का ग्रेड एक होगा। उत्‍तराखंड में स्थित जागरण व अमर उजाला की यूनिटें भी क्रमश: ग्रेड 1 और 2 में ही आएंगी। (कोई साथी चाहे तो वकील से राय लेकर इन दोनों समाचारों को सरकारी तंत्र के माध्‍यम से सुप्रीम कोर्ट तक गलत जानकारी पहुंचाने के मामले में केस भी दर्ज करवा सकता है!)

(यदि आपने 30 नवंबर 2011 के बाद किसी संस्‍थान को ज्‍वाइन किया और आपको वेजबोर्ड के अनुसार वेतन नहीं मिल रहा या आपने एरियर क्‍लेम कर रखा है या आपका बर्खास्‍तगी या उत्‍पीड़न से जुड़ा कोई मामला डीएलसी में या सक्षम प्राधिकरण के समक्ष है तो आप अवमानना का केस लड़ रहे कर्मचारियों के वकीलों को 18 जुलाई से पहले इन तथ्‍यों की जानकारी दे सकते हैं।) 

(उत्‍तराखंड के एक पत्रकार साथी से प्राप्‍त तथ्‍यों पर आधारित)



हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17A: उमर उजाला के साथी इसे जरुर पढ़े-1 http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/02/17a-1.html

हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-17B: उमर उजाला के साथी इसे जरुर पढ़े-part2 http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/2016/02/17b-part2.html

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दैनिक जागरण समूह की सालाना वित्‍तीय रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए यहां  क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें- http://jplcorp.in/new/FinancialReports.aspx 

यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें।(patrakarkiawaaz@gmail.com)

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हमें क्यों चाहिए मजीठिया भाग-20: ग्रेड-‘ई’/सिटी-‘जेड’ का वेतनमान देखने के लिए यहां क्लिक करें:-


अनुसूची- I.- ई ग्रेड समाचार पञ  (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ जेड’)
(समाचार-पञ प्रतिष्‍ठानों में श्रमजीवी पञकारों का समूहन)
समूह-1: कार्यकारी संपादक, स्‍थानीय संपादक एवं अन्‍य...
BASIC : 16000
VA : 3200
DA : 10807
HRA : 1920
TRA : 960
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 3601
GROSS SALARY : 37,838

समूह-2: सहायक संपादक, समाचार संपादक एवं अन्‍य...
BASIC : 14000
VA : 2800
DA : 9456
HRA : 1680
TRA : 840
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 3151
GROSS SALARY : 33,277

समूह-3: मुख्‍य संवाददाता, मुख्‍य उप-संपादक,  सहायक समाचार संपादक, कार्टूनिस्‍ट, पेज डिजाईनर एवं अन्‍य...
BASIC : 13000
VA : 2600
DA : 8781
HRA : 1560
TRA : 780
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2926
GROSS SALARY : 30,997

समूह-4: वरिष्‍ठ उप-संपादक, डिप्‍युटी पेज डिजाईनर एवं अन्‍य...
BASIC : 12000
VA : 2400
DA : 8105
HRA : 1440
TRA : 720
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2701
GROSS SALARY : 28,716

समूह-5: उप-संपादक, रिपोर्टर, कलाकार, मुख्‍य प्रूफशोधक एवं अन्‍य...
BASIC : 11000
VA : 2200
DA : 7430
HRA : 1320
TRA : 660
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2476
GROSS SALARY : 26,436

समूह-6: प्रूफशोधक एवं अन्‍य... समस्‍त श्रमजीवी पञकार...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 6754
HRA : 1200
TRA : 600
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2251
GROSS SALARY : 24,155

( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 30, सारणी-I, अंग्रेजी में पेज नंबर 35)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 2 देखें


*****

अनुसूची- II.  ई ग्रेड समाचार पञ (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ जेड’)
(गैर पञकार समाचार-पञ कर्मचारी-प्रशासनिक स्‍टाफ का वर्गीकरण)
समूह-1: वरिष्‍ठ सहायक महाप्रबंधक, वेब प्रशासक, इलैक्‍ट्रोनिक अथवा सॉफ्टवेयर अभियंता, मुख्‍य लेखाकार एवं अन्‍य...
BASIC : 11000
VA : 2200
DA : 7430
HRA : 1320
TRA : 660
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2476
GROSS SALARY : 26,436

समूह-2: अपर प्रबंधक, लेखा अधिकारी, कल्‍याण अधिकारी एवं अन्‍य...

BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 6754
HRA : 1200
TRA : 600
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2251
GROSS SALARY : 24,155

समूह-3: अधिकारी अथवा विभागीय मुखिया, हेड क्‍लर्क, डीटीपी इंचार्ज, प्रोग्रामर एवं अन्‍य...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 6079
HRA : 1080
TRA : 540
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2025
GROSS SALARY : 21,875

समूह-4: वरिष्‍ठ स्‍टेनो सचिव, सुरक्षा पर्यवेक्षक एवं अन्‍य...
BASIC : 8500
VA : 1700
DA : 5741
HRA : 1020
TRA : 510
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1913
GROSS SALARY : 20,734

समूह-5: कनिष्‍ठ क्‍लर्क, टेलीफोन/फैक्‍स मशीन ऑपरेटर, ड्राइवर, कारपेंटर, प्‍लम्‍बर, राजमिस्‍ञी एवं अन्‍य...
BASIC : 7500
VA : 1500
DA : 5066
HRA : 900
TRA : 450
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1688
GROSS SALARY : 18,454

समूह-6: बिल कलैक्‍टर्स, पिओन (चपरासी) एवं अन्‍य...
BASIC : 7000
VA : 1400
DA : 4728
HRA : 840
TRA : 420
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1575
GROSS SALARY : 17,314

( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 32, सारणी-II, अंग्रेजी में पेज नंबर 36)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 26 देखें


*****


अनुसूची- III. ई ग्रेड समाचार पञ (शहरों का वर्गीकरण- क्षेञ जेड’)
(गैर पञकार समाचार-पञ कर्मचारियों-फैक्‍ट्री स्‍टाफ का वर्गीकरण)

समूह-1: वरिष्‍ठ अभियंता, सहायक अभियंता एवं अन्‍य...
BASIC : 10000
VA : 2000
DA : 6754
HRA : 1200
TRA : 600
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2251
GROSS SALARY : 24,155

समूह-2: वरिष्‍ठ पर्यवेक्षक, फोरमैन एवं अन्‍य...
BASIC : 9000
VA : 1800
DA : 6079
HRA : 1080
TRA : 540
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 2025
GROSS SALARY : 21,875

समूह-3: वरिष्‍ठ उत्‍पादन सहायक, कनिष्‍ठ वीडीटी संचालक, ऑफसेट मशीनमैन एवं अन्‍य...
BASIC : 8000
VA : 1600
DA : 5404
HRA : 960
TRA : 480
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1800
GROSS SALARY : 19,594

समूह-4: कन्‍वेयर स्‍ट्रीकेट मशीन-मैन, आर्ट विभाग में पेस्‍ट-अप मैन, प्‍लम्‍बर एवं अन्‍य...
BASIC : 7500
VA : 1500
DA : 5066
HRA : 900
TRA : 450
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1688
GROSS SALARY : 18,454

समूह-5: सहायक इलैक्‍ट्रीशियन, ट्रीडलमैन तथा डीएफ प्रेसमैन एवं अन्‍य...
BASIC : 6500
VA : 1300
DA : 4390
HRA : 780
TRA : 390
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1463
GROSS SALARY : 16,173

समूह-6: बालर मुकदम, रील लोडर तथा अनलोडर, ट्रोली मैन एवं अन्‍य...
BASIC : 6000
VA : 1200
DA : 4053
HRA : 720
TRA : 360
Night Allowance : 1350
Provident Fund : 1350
GROSS SALARY : 15,033

( मजीठिया के अनुसार हिंदी में अपना बेसिक देखने के लिए देखें पेज नंबर 34, सारणी-III, अंग्रेजी में पेज नंबर 37)

अपने पद की श्रेणी देखने के लिए हिंदी मजीठिया रिपोर्ट का पेज नंबर 28 देखें

(हिंदी में अपने शहर को देखने के लिए पेज नंबर 37-38 या 55-56 देखें)

Formula:
Basic Pay = As per Majithia
Variable Pay = @20% of Basic Pay
DA = Basic Pay + Variable Pay x DA point/167
HRA = @10% of Basic Pay + Variable Pay
TRA = @5% of Basic Pay + Variable Pay
PF: Employer's Contribution = Basic Pay + Variable Pay + DA point/167 x 12%
******
June DA point 2016 = 94 (Applicable for Jan 2016 to June 2016)
HS/other Allowance = Rs. 500 per month (As Applicable)
Night Allowance : Rs. 50 per day (weekly off Sunday)

सुप्रीम कोर्ट का आदेश डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/x3aVK2

मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें अंग्रेजी में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें-   https://goo.gl/vtzDMO

मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें हिंदी (सभी पेज) में डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें या निम्‍न Path का प्रयोग करें- https://goo.gl/8fOiVD

साथियों, मजीठिया वेजबोर्ड के अनुसार यह वेतनमान उन सहयोगियों का है जिन्‍होंने जून 2016 में ई ग्रेड  [समाचार पत्र प्रतिष्‍ठानों की श्रेणी-V (10 करोड़ रुपये तथा इससे ऊपर परंतु 50 करोड़ रुपये से कम)] के किसी भी समाचार पञ  (शहरी वर्गीकरण जेड) को ज्‍वाइन किया होगा। आप जो वर्तमान वेतन प्राप्‍त कर हैं उससे आपका वेतन कहीं ज्‍यादा होगा यदि आपके संस्‍थान में  मजीठिया वेजबोर्ड की सिफारिशें लागू हो जाती हैं तो। इसको देखकर आप समझ सकते हैं कि केवल सामूहिक प्रयास ही हमें अपना हक दिलवा सकता है। इसलिए साथियों एकजुट हो जाइए, ताकि आप अपना और अपने परिवार का भविष्‍य सुरक्षित कर सकें।

नोट- ईएसई के अंतर्गत आने वाले साथियों को चिकित्‍सीय भत्‍ता नहीं मिलेगा।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें-

Advocate Parmanand Pandey ji  - 09868553507
parmanand.pandey@gmail.com
parmanandpandey@yahoo.com

RP Yadav ji - 09810623949
rpyadav56@gmail.com

Vinod Kohli ji  – 09815551892
President, Chandigarh-Punjab Union of Journalists (CPUJ)
Indian Journalists Union

Ashok Arora ji (Chandigarh) - 09417006028, 09914342345
Indian Journalists Union
arora_1957@yahoo.co.in

M S Yadav ji (PTI) - 09810263560

Advocate Colin Gonsalves

Umesh Sharma ji (Bhadas4media Advocate)

मजीठिया के अनुसार वेतन क्या होना चाहिएउसकी गणना कैसे होगी... इसकी विस्तृत जानकारी आपको लगातार PatrakarKiAwaaz के फेसबुक (Patrakar Awaaz), ट्विटर (@PatrakarKiAwaaz) और ब्लाग (http://patrakarkiawaaz.blogspot.in/) के अलावा भड़ास4मीडियाजनसत्तासमाचार4मीडिया आदि द्वारा भी मिलती रहेगी।

यदि हमसे कहीं तथ्यों या गणना में गलती रह गई हो तो सूचित अवश्य करें।(patrakarkiawaaz@gmail.com)


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