मजीठिया क्रांतिकारियों के लिए जम्मू से एक अच्छी खबर है। यहां अमर उजाला के खिलाफ मजीठिया वेजबोर्ड के तहत क्लेम लगाने वाले एक साथी को प्रताड़ित करने के लिए किए गए तबादले पर लेबर कोर्ट जम्मू ने स्टे आर्डर जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने संस्थान को पिछला वेतन और आगामी वेतन जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अमर उजाला के जम्मू सेंटर में तैनात अमिताभ अरोड़ा ने संस्थान में कार्य करते हुए मजीठिया वेजबोर्ड के तहत वेतनमान व एरियर का केस लेबर विभाग में लगाया था और इसी साल मार्च माह में विभाग ने यह मामला वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट की धारा (17-2) के तहत लेबर कोर्ट, जम्मू-कश्मीर को फैसले के लिए संदर्भित कर दिया था।
जैसे ही कोर्ट में सुनवाई शुरू होने का समन संस्थान को मिला, अमिताभ को प्रताड़ित करने के लिए तबादला आदेश जारी कर दिए गए। इतना ही नहीं इन आदेशों में उसे तत्काल जम्मू के कार्य से हटाने और मुदरादाबाद में ज्वाइन करने को कहा गया था। हैरानी की बात यह रही कि जब ये आदेश जारी किए गए, तब पूरे देश में कोरोना के चलते लॉकडाउन चल रहा था। वहीं इन आदेशों से इनके मेलाफाइड होने और कर्मचारी के उत्पीड़न की बात साफ साबित हो रही थी।
रिकवरी का मामला पहले ही लेबरकोर्ट में था, इसे देखते हुए न्यूजपेपर इम्पलाइज यूनियन आफ इंडिया (एनईयूइंडिया) के मार्गदर्शन में अमिताभ की सर्विस कंडिशन बदलने की शिकायत आईडी एक्ट की धारा 33ए के तहत लेबर कोर्ट में दायरा की गई और साथ ही मामले की सुनवाई तक तबादला आदेशों को स्टे करने की अर्जी भी दाखिल की गई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और अमिताभ के पक्ष को सही पाते हुए 28 जून को स्टे आर्डर जारी किया है। इस मामले में कोर्ट ने लॉकडाउन के बावजूद ऑनलाइन सुनवाई की और कर्मचारी को राहत प्रदान की। ज्ञात रहे कि अमिताभ अरोड़ा एनईयूइंडिया का सदस्य भी है। यूनियन के सहयोग के चलते ही उन्हें यह सफलता हाथ लग पाई है। अक्सर तबादलों के मामले में कोर्ट से स्टे लेना डेढी खीर होती है।